UP News: वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराने के संतोष गंगवार के भेजे पत्र पर अब अमल शुरू | Naya Sabera Network
एटीएम तर्ज पर चिप वाले वोटर कार्ड भी जारी किए जाएं
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा
बरेली। भारत में चुनाव आयोग ने 1 अगस्त 2022 से आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने का अभियान प्रारंभ कर दिया था अब अप्रैल 2025 में इस दिशा में कदम आगे भी बढ़े हैं जो स्वागत योग्य है। साथ ही चिप वाले वोटर कार्ड बनने से दूसरे जिले/राज्य में रह रहे मतदाताओं से भी मतदान कराना आसान होगा और वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ सकेगा। क्योंकि अगर कोई मतदाता दूसरे राज्य में नौकरी कर रहा है तो वह कैसे और क्यों मतदान दिवस पर अपना खर्चा कर अपने जिले में आएगा।
बरेली के उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार निर्भय सक्सेना ए टी एम की तर्ज पर चिप वाले वोटर कार्ड जारी करने एवम वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए वर्ष 2012 से ही सरकार एवम चुनाव आयोग से पत्राचार निरंतर कर रहे थे। वर्ष 2013 में बीजेपी सांसद संतोष कुमार गंगवार से भी चुनाव आयोग, सरकार एवम शासन को निर्भय सक्सेना के पत्र पर अपना कवर पत्र लगाकर भिजवाए थे। 2016 में जब संतोष गंगवार वस्त्र राज्य मंत्री बने थे। उस समय भी उन्होंने चुनाव आयोग को पुना स्मरण पत्र भेजा था। इसके बाद 2021 में भी उन्होंने पुनः पत्रकार निर्भय सक्सेना के पत्र पर अपना पत्र लगाकर भारतीय चुनाव आयोग भेज कर चिप वाले वोटर कार्ड बनाने एवम मतदाता कार्ड को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया करने को लिखा था।
लगता है की उन्ही के लिखे पत्रों में दिए सुझाव की बात को संज्ञान में चुनाव आयोग ने लिया होगा। स्मरण रहे बाद में यह संसद में आया। चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, वोटर कार्ड के साथ आधार कार्ड को लिंक करने के लिए अधिकृत करता है। यह लोकसभा में दिसंबर 2021 में ध्वनि मत से पारित किया गया था। चुनाव आयोग के अनुसार वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने से एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में या एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक बार एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण की पहचान करने और डुप्लीकेट मतदाता पंजीकरण कैंसिल में भी मदद मिलेगी। मतदाताओं की पहचान स्थापित करने और देश की मतदाता सूची में प्रविष्टियों के प्रमाणीकरण और एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में या एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक बार एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण की पहचान करने के लिए अब मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान चल रहा है।
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इसी कारण अब अगस्त 2022 माह से चुनाव आयोग ने अपना देश भर में यह वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने वाला अभियान चलाया हुआ था। आधार कार्ड से मतदाता कार्ड को जोड़ने वाले चुनाव आयोग के इस अभियान के माध्यम से देश भर में लोकसभा, विधान सभा, जिला पंचायत, नगर निगम/ नगर पालिका आदि की मतदाता सूची से डुप्लीकेट मतदाता पर रोक लगाने में भी चुनाव आयोग को सहायता मिलेगी। साथ ही कई कई राज्यों या जिलों की सूची में दर्ज फर्जी मतदाता पर भी अंकुश लग सकेगा।
वोटर कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करने का मुख्य उद्देश्य मतदाता की पहचान और मतदाता सूची में होती डुप्लीकेसी को रोकना भी है। इस अभियान से वोटर कार्ड और आधार कार्ड को जोड़ने वाली पूरी प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है। यह सभी लोगों के लिए बाद में अनिवार्य होगा। मतदाता अपने दोनों कार्ड को ऑनलाइन भी लिंक कर सकते हैं।
आधार और वोटर कार्ड को लिंक करने का काम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आजकल चल रहा है। मतदाता आधार केंद्र पर जाकर ऐसा करवा सकते हैं। मतदाता ऑनलाइन चुनाव आयोग की वेबसाइट और चुनावी पंजीकरण कार्यालयों में ऑनलाइन उपलब्ध आवेदन फॉर्म 6-बी भी भर सकते हैं। अब बूथ स्तर पर भी कैम्प लगाए जाने हैं। भारतीय मतदाता हेल्पलाइन ऐप और राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर भी जाकर ऑनलाइन अपने कार्ड जोड़ सकते है। मतदाताओं द्वारा आधार संख्या मतदाता पंजीकरण नियम, 1980 के उप-नियम 26बी द्वारा अधिसूचित फॉर्म-6बी में दी जाएगी। फॉर्म-6 बी पर ऑनलाइन उपलब्ध होगा। स्व-प्रमाणीकरण के बाद, मतदाता मतदाता पोर्टल / ऐप पर ऑनलाइन फॉर्म -6 बी भर सकता है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग करके मतदाता आधार को स्व-प्रमाणित कर सकता है। मतदाता स्व-प्रमाणीकरण के बिना आवश्यक संलग्नकों के साथ फॉर्म -6 बी ऑनलाइन जमा करेगा। देश में मतदाता सूची डेटाबेस से मतदाता का नाम फिलहाल नहीं हटाया जाएगा, क्योंकि मतदाताओं द्वारा आधार प्रदान करना स्वैच्छिक है। इस आधार पर कि उनके द्वारा आधार संख्या प्रदान नहीं की गई है। उसे फिलहाल सूची में चिन्हीकरण के बाद भी हटाया नहीं जायेगा। चिप वाले वोटर कार्ड से दूसरे जिले/राज्य में रह रहे मतदाताओं से भी मतदान कराना आसान होगा और वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ सकेगा।
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