UP News: बरेली की होली रंगबारात में हुरियारों का रहता है अनूठा अंदाज! | Naya Savera Network
- लंबे पीतल के हैंडपम्प से जगह जगह खेला जाता है मोर्चा
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा
बरेली। मेट्रो शहरों में होली का हुड़दंग भले ही आजकल अब कम हो गया हो पर अपने स्मार्ट सिटी बरेली में होली हुड़दंग के लिए हुरियारे अपने बड़े पीतल वाले लंबे हैंड पम्प निकाल कर उनमें तेल पानी के साथ ही उनकी मरम्मत भी दुकानों पर आजकल करा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी की हिंदुत्व की पक्षधर सरकार होने से होली का उत्साह अलग ही अब दिख रहा है। होली एवं शुक्रवार जुम्मे की नमाज इस बार 14 मार्च को एक ही दिन होने से मुख्यमंत्री योगी जी ने धर्मगुरुओं से अपील की है कि जुम्मा साल में 52 बार आता है। होली साल में एक बार। इसलिए सभी लोग संयम से काम ले एवं नमाज का समय धर्मगुरु कुछ आगे बढ़ा लें।
इस बार भी 165 वर्ष पुरानी बमनपुरी की होली की रंग बारात 13 मार्च 2025 को नई बनी रामलीला कमेटी के नेतृत्व में शहर में उत्साह के साथ निकालने को तैयार है। कुतुबखाना महादेव पुल पूरा हो जाने से इस बार भी पुराने परंपरागत मार्ग से ही राम बारात निकाली जाएगी। बरेली शहर की कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, की कई दुकानों पर बड़े बड़े पीतल के लंबे हैंडपम्प बिक्री भी चल रही है। जहाँ तक बरेली की आउटर कालोनियों की बात की जाए तो वहां होली का उत्साह अब सिमटता ही जा रहा है। वहां होली उत्सव गुलाल तक ही सिमट रहा है। परंतु बमनपुरी, बिहारीपुर, चाहबाई, बजरिया पूरनमल, कालीबाड़ी, सिकलापुर, श्यामगंज, आलमगिरी गंज, कटरा मनराय, बड़ा बाजार, साहूकारा, किला जैसे घनी आबादी वाले एरिया में होली पर गुरुवार 13 मार्च 2025 को निकलने वाली रंगबारात में हुरियारों में खूब उत्साह अभी से ही है ।
हिन्दू सोशल ट्रस्ट की और से गुलाबराय में लगने वाला 'होली मिलन समारोह' भी बरेली का ऐतिहासिक होता है। इसमे महानगर की सभी राजनेतिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के स्टाल लगते हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोग अपने नव सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों से गले मिल सभी को शुभकामनाएं भी देते हैं। जिसमे जिले के अधिकांश विधायक, सांसद, मंत्रीगण, जिले के प्रमुख प्रशानिक/ पुलिसअधिकारी, व्यापारी नेता, डॉक्टर, समाजसेवी आदि शामिल रहते हैं। बरेली शहर में होली दहन वाले अधिकांश स्थानों पर हर बार की भांति गोबर लेपन के बाद पेड़ो की टहनियां का ढेर लग गए है। कालीबाड़ी, सिकलापुर, गंगापुर, पुराना शहर, चाहबाई, गुलाबनगर, बिहारीपुर, बमनपुरी, मढ़ीनाथ, बदायूं रोड, सुभाषनगर प्रेमनगर, राजेन्द्र नगर में एसे दृश्य होली पूर्व से दिखने लगते है। बमनपुरी, चाहबाई की रंगबारात के आयोजकगण 13 मार्च 2025 को ध्यान रख तैयारी की है।
श्री राम लीला सभा बमनपुरी की होली की फाल्गुनी रामलीला यूनेस्को ने 2015 में विश्व धरोहर में घोषित किया था। इसी रामलीला सभा की रामबारात ( होली की बारात)1961 में शुरू हुई थी। अब पिछले 164 वर्ष से निरंतर निकलती आ रही है। जिसमे चाहबाई से निकलने वाली रंगबारात ( भगवान नरसिंह की रंग शोभायात्रा) भी कुतुबखाना पर मिल कर पूरे शहर में भ्रमण कर अपने अपने गंतव्य पर समाप्त होती है। जिसमे ट्रैक्टर ट्रॉली, बैल ठेलो पर बड़े बड़े ड्रम में भरे पानी से हुरियारे रास्ते भर मोर्चा खेलते, रंग गुलाल उड़ाते चलते हैं। कोई भी होली हुरियारा अपने को अरबपति खरबपति से कम नहीं समझता। हर हुरियारे अपने अलग अंदाज में रंगा पुता अपनी भेषभूषा में नजर आता हैं। रंगबरात का रूट बमनपुरी, बिहारीपुर, घंटाघर कुतुबखाना, अस्पताल रोड, कोतवाली, कॉलेज रोड, कालीबाड़ी, श्यामगंज, आलमगीरी गंज, कुतुबखाना बड़ाबाजार में बड़े ड्रम, कड़ाव रख कर हुरियारे मोर्चा खेलते है। इस रंग बारात का अलग अंदाज होता है।
स्मरण रहे इस बार बमनपुरी की श्री रामलीला सभा की 165 वीं होली की रामलीला के लिए 8 मार्च 2025 को बमनपुरी में पूजन के बाद झंडी यात्रा निकाली गई थी और बमनपुरी की 165वीं फाल्गुनी रामलीला शुरू हुई । किशोर कटरू, विशाल मेहरोत्रा, अध्यक्ष राजू मिश्रा, सर्वेश रस्तोगी, अंशु सक्सेना, दिनेश दद्दा, सुनील रस्तोगी, प्रदीप सिंह, कुंवर सिद्ध राज सिंह, पंकज मिश्रा, अखिलेश, सुरेश रस्तोगी के साथ ही पंकज मिश्रा, नीरज रस्तोगी, विवेक शर्मा, गौरव सक्सेना, इंदर देव त्रिवेदी, जनार्दन आचार्य, निर्भय सक्सेना, महेश पंडित, प्रवीन उपाध्याय आदि ने भाग लिया। होली पर ही उपजा प्रेस क्लब में आल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन के बैनर पर 'महामूर्ख सम्मेलन' भी इस बार रंगबारात वाले दिन से एक दिन पूर्व ही इस बार भी 35 वीं बार 12 मार्च 2025 को हुआ जिसमे मूर्खाधिराज की उपाधि दी गईं । समाजसेवी स्वर्गीय जे सी पालीवाल ने 1990 में यह महामूर्ख सम्मेलन शुरू किया था। अब यह उपजा भवन में हुआ जिसमें कवि सम्मेलन भी हुआ। जिसकी कमान राजीव शर्मा टीटू, सुनील धवन, पवन कालरा, रावत जी, राजेंद्र घिल्डियाल जी, अजय शर्मा आदि ने संभाली।