Mumbai News: वसई तालुका में दुबे परिवार द्वारा खेली गई पारंपरिक होली | Naya Sabera Network



नया सवेरा नेटवर्क

वसई। पिछले अनेक दशकों की तरह इस वर्ष भी नालासोपारा के दुबे परिवार द्वारा वसई तालुका में सार्वजनिक पारंपारिक होली उत्सव का  आयोजन किया गया। सुबह से ही उत्सवप्रेमियों के लिए दुबे इस्टेट प्रांगण में  ठंडई  वितरण का कार्यक्रम शुरु हुआ। दोपहर 1 बजे तक हजारों ऊत्सवप्रेमी दुबे इस्टेट परिसर में आकर एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते हुए आपस में होली खेल रहे थे। 

पालघर, बोईसर, वसई तालुका, मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई आदि स्थानों से सभी संगीतप्रेमी कलाकार दुबे इस्टेट परिसर में जुटे एवं फगुआ, उलारा,जत्ती,बैसवारा,बेलवरिया,बारमासा,रंगफाग,होरी,जोगिरा आदि होली गीतों का सामुदायिक गायन प्रारंभ हुआ। दुबे परिवार की तरफ से श्यामसुंदर दुबे, जयप्रकाश दुबे, डॉ.ओमप्रकाश दुबे ,नरेश दुबे ने उत्सवप्रेमीयों के लिए पुरी-सब्जी, पुलाव-मालपुवा आदि के भोजन की व्यवस्था की।

दोपहर 4 बजे के बाद दुबे परिवार सभी समाजबंधुओं एवं  संगीतप्रेमीयों के साथ नालासोपारा पूर्व तुलिंज के तिवारी नगर में पहुंचा जहाँ एड मार्कंडेय तिवारी,डॉ.एन.यू.त्रिपाठी एवं संपूर्ण तिवारी परिवार अपने सैंकड़ों मित्रों के साथ सभी समाजबंधुओ का ठंडई,चाय एवं अल्पोपहार कराकर स्वागत किया। यहाँ पर भी सभी समाज बंधुओं ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली खेली। तिवारी नगर के प्रांगण में करीब एक घंटे तक जमकर होलीगीत गाते हुए फगुआ मनाया गया। वहाँ से सभी समाज बंधू सीधे वसई पश्चिम  विशालनगर में पहुँचे, जहाँ पर ओमप्रकाश पाण्डे एवं परिवार के सभी मित्रों ने शीला अपार्टमेंट के प्रांगण में भव्य स्वागत आयोजन कर रखा था । मसाला दोसा, पानी पुरी, पकोडी,फ्रूट,मालपुवा,चाय एवं ठंडई पिलाकर ओमप्रकाश पांडे एवं उनके मित्रों ने अबीर गुलाल  लगाकर सभी समाजबंधुओं का स्वागत किया। वहाँ पर भी सभी संगीतप्रेमियों ने एक घंटे तक साज-बाज बजाकर फगुआ जोगिरा आदि गीतों का आनंद लिया l

तदपश्चात अंबाडी रोड पर गुरुव्दारा के पीछे सच्चिदानंद तिवारी के निवास पर भाई अमरजीत यादव, एड. अशोक मिश्रा,सुर्यभान शुक्ला,भास्कर मिश्रा,चंद्रभान शुक्ला,विनोद तिवारी आदि अपने संपूर्ण परिवार एवं सैकडों उत्सवप्रेमीयों के साथ उपस्थित थे। उन्होंने चाय,लस्सी,दूध एवं अल्पोपहार कराकर स्वागत किया। यहाँ पर भी सभी समाज बंधुओंने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली खेली। अंत मे भाई अमरजीत यादव की दुकान के परिसर में चल रहे फगुआ, होली आदि संगीत के कार्यक्रम में सभी संगीतप्रेमी कलाकारों ने मिलकर चैति /चैता गाकर इस वर्ष के होली उत्सव की भावपूर्ण बिदाई की। हर उत्सवप्रेमी एक दूसरे से गले मिलकर आगामी वर्ष की मंगलकामना करते हुऐ अपने अपने घर की तरफ बिदा हुए। वसई तालुका में करीब 75 वर्ष से भी अधिक समय से चली आ रही होली उत्सव परंपरा में प्रतिवर्ष एक दुसरे से विदा लेते समय सभी उत्सवप्रेमी बहुत भावुक हो जाते हैं।

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