Poetry: कवि ने कवि की करी बड़ाई,गजब हो गया | Naya Savera Network
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कवि ने कवि की करी बड़ाई,गजब हो गया
पुलिस चोर से पहले आई,गजब हो गया।
मंदिर से हम दर्शन कर जब वाप लौटे,
सही सलामत चप्पल पाई, गजब हो गया
पहली को तनख्वाह मिली तो बीबी खुश थी,
पंद्रह को भी वह मुसकाई,गजब हो गया
महिला आरक्षण बिल उसने पास किया
जिसके घर में नहीं लुगाई,गजब हो गया
नौ सौ चूहे खानेवाली एक हिरोइन,
देखो अबकी हज कर आई,गजब हो गया
कण-कण में शंकर बसते हैं सिद्ध हो गया,
खबर पुनः संभल से आई,गजब हो गया
जो भी सत्ता में रहता है उसे न दिखती,
भूख,बेकारी या महंगाई, गजब हो गया।
मौसम देख-रेख कर बदलें नेता जी,
चाह यही,बस मिले मलाई, गजब हो गया।
कुत्ते, बिल्ली खातिर रोज मटन आए,
मां को मिलती नहीं दवाई,गजब हो गया।
सुरेश मिश्र
9869141831