Mumbai News : एनसीसी से बालिकाओं में नेतृत्व गुणों का विकास : राज्यपाल | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। ‘एनसीसी’ में भाग लेने से लड़कियों का आत्मविश्वास बढ़ता है। उनमें नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं। विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना भी जरूरी है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि लड़कियों को एनसीसी में बड़ी संख्या में भाग लेना चाहिए। उक्त उद्गार उन्होंने महाराष्ट्र एनसीसी निदेशालय और एचएसएनसी विश्वविद्यालय द्वारा ‘एनसीसी के माध्यम से बालिकाओं का सशक्तिकरण’ विषय पर आयोजित सेमिनार में व्यक्त किये। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी संदेश है कि अधिक से अधिक युवाओं को ‘एनसीसी’ में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। इस संबंध में राज्यपाल ने कहा कि ‘एनसीसी’ के कारण युवाओं को अनुशासन का महत्व पता चलता है और उनमें देशभक्ति की भावना पैदा होती है।
राज्यपाल ने कहा कि अगर अनुशासन नहीं है तो सफलता नहीं मिलती। इसलिए युवाओं को ‘अनुशासन’ विकसित करना चाहिए। एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीर पाल सिंह ने कहा, “महिलाओं की भागीदारी ने एनसीसी में नई संभावनाओं को जन्म दिया है और उनके सफल कैरियर की कई कहानियां हमारे सामने हैं।” महाराष्ट्र एनसीसी निदेशालय के एडीजी मेजर जनरल योगेंद्र सिंह ने माननीय राज्यपाल, वक्ताओं, प्रतिभागियों और दर्शकों का कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सेना के अधिकारी, जवान, प्राध्यापक और एनसीसी कैडेट उपस्थित थे।
- बलिकाओं को सक्षम बनाने एचएसएनसीयू समर्पित
विश्वविद्यालय के प्रोवोस्ट निरंजन हीरानंदानी ने कहा 70 प्रतिशत कैडेट लडकिया है। हमने हमेशा महिला को सम्मान दिया है। एम्पॉवर किया है। जिंदगी में झुक कर कभी नहीं चलना। हम देश के भविष्य को देखकर रहे हैं। आज हम ग्रेट भारत ग्रेट भविष्य और उच्च जीडीपी ग्रोथ को देख रहे हैं। यह सब महिलाओं के समग्र विकास से ही संभव हो पाएगा। विश्वविद्यालय की कुलपति हेमलता बागला ने यह सेमिनार एनसीसी के साथ मिलकर किये जा रहे हमारे कार्य को और गति देगा। महिलाओं के सशक्तिकरण की बहुत आवश्यकता है। हमारा विश्वविद्यालय इस दिशा में सतत रूप से प्रयासरत है। एनसीसी से माध्यम से व्यक्तित्व विकास भी उसकी एक कड़ी है।
संगोष्ठी के दौरान कई प्रभावशाली व्याख्यान हुए। एडिशनल सेक्रेटरी दीप्ति मोहिल चावला ने कहा कि देश का विकास नागरिकों के माध्यम से ही होगा। हमारे गांव में कमजोर एवं कुपोषित महिलाएं हैं। आर्थिक रूप से महिलाओं को इम्पोवेर बनाना होगा। सभी क्षेत्रों में महिलाओं को मुख्यधारा में लाना होगा। वे इम्पोवेर होगीं तो देश इम्पोवेर होगा। वाइस एडमिरल आरती सरीन ने कहा कि समग्र विकास के लिए फिजिकल एंड मेन्टल फिटनेस बहुत जरूरी है। अनीमिया की बहुत शिकायत है। क्या खाएं क्या न खाएं। आयरन आधारित भोजन ग्रहण करें। एडवोकेट हैना जॉन ने नारी सुरक्षा एवं महिलाओं के कानूनी अधिकार को लेकर अपनी बात रखी। साथ ही सेक्सुअल हैरेसमेंट रोकने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का एक खास आकर्षण एनजीओ मिशन फाइटबैक द्वारा आयोजित ‘वॉक विदआउट फियर’ नामक व्याख्यान-सह-प्रदर्शन था, जिसका नेतृत्व कर्नल और रोहित मिश्रा ने किया। इसमें आत्मरक्षा और व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए व्यावहारिक रणनीतियाँ सिखाई गईं।