Jaunpur News : फैसिओलियासिस घातक बीमारी पर धर्मेंद्र कुमार ने किया शोध | Naya Savera Network
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पीएचडी में हुआ साक्षात्कार
रोग से बचाव के लिए कई तर्क पर दी जानकारियां
नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फैसिओलियासिस घातक बीमारी पर धर्मेंद्र कुमार यादव का शोध कार्य पूरा हुआ। विश्वविद्यालय परिसर के प्रशासनिक भवन में इस विषय पर बाह्य विशेषज्ञ ने मौखिकी साक्षात्कार किया जिसमें उन्होंने रोग के रोकथाम के लिए कई तर्क देते हुए जानकारी दी।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संत गणिनाथ राजकीय डिग्री कॉलेज गोहना मऊ से जीवविज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार के निर्देशन में धर्मेंद्र कुमार यादव ने शोध किया। इन्होंने फैसिओलियासिस घातक बीमारी व रोकथाम पर अपना शोध कार्य पूरा किया। धर्मेंद्र कुमार के मुताबिक जंगली पशुओं में ज्यादातर पाया जाता है, लेकिन मनुष्यों में भी अपना पांव पसार चुका है। दोनों प्रजातियों में यह दूषित पानी या कच्चे भोजन या अधपके वनस्पति से लार्वा अंतरग्रहण के बाद मनुष्य में संक्रमित करती है। इसके रोकथाम पर शोधकार्य जंगल की वनस्पतियों से लेकर जंगली पशुओं घरेलू पशुओं और मनुष्यों व चिकित्सालय से भी शोधकार्य को पूरा किया।
धर्मेंद्र कुमार ने शोध कार्य में टिनोस्पोरा कार्डीफोलिया (गिलोय) पौधे के पत्ते तथा पिथेसलॉबियम डल्स (जंगल जलेबी) की पत्ती से रोकथाम के कारगर उपाय बताए गए हैं। धर्मेंद्र कुमार की मौखिकी परीक्षा सोमवार को बाह्य परीक्षक पटना विश्वविद्यालय पटना के डॉक्टर डीके पॉल ने शोध प्रबंध को देखते हुए साक्षात्कार किया और शोध प्रबंध की सराहना की। धर्मेंद्र कुमार का दो अंतरराष्ट्रीय शोध पेपर भी प्रकाशित हो चुका है। यह मूल रूप से मड़ियाहूं के सिंगारपुर गांव के रहने वाले हैं। धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि शोधकार्य में वनस्पतियों के गुणवत्ता पर बहुत कुछ जानकारी हुई जो आगे लोगों के काम आएगी और बीमारी को रोकने में वनस्पतियों का बहुत योगदान है।
रोग से बचाव के लिए कई तर्क पर दी जानकारियां
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फैसिओलियासिस घातक बीमारी पर धर्मेंद्र कुमार यादव का शोध कार्य पूरा हुआ। विश्वविद्यालय परिसर के प्रशासनिक भवन में इस विषय पर बाह्य विशेषज्ञ ने मौखिकी साक्षात्कार किया जिसमें उन्होंने रोग के रोकथाम के लिए कई तर्क देते हुए जानकारी दी।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संत गणिनाथ राजकीय डिग्री कॉलेज गोहना मऊ से जीवविज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार के निर्देशन में धर्मेंद्र कुमार यादव ने शोध किया। इन्होंने फैसिओलियासिस घातक बीमारी व रोकथाम पर अपना शोध कार्य पूरा किया। धर्मेंद्र कुमार के मुताबिक जंगली पशुओं में ज्यादातर पाया जाता है, लेकिन मनुष्यों में भी अपना पांव पसार चुका है। दोनों प्रजातियों में यह दूषित पानी या कच्चे भोजन या अधपके वनस्पति से लार्वा अंतरग्रहण के बाद मनुष्य में संक्रमित करती है। इसके रोकथाम पर शोधकार्य जंगल की वनस्पतियों से लेकर जंगली पशुओं घरेलू पशुओं और मनुष्यों व चिकित्सालय से भी शोधकार्य को पूरा किया।
धर्मेंद्र कुमार ने शोध कार्य में टिनोस्पोरा कार्डीफोलिया (गिलोय) पौधे के पत्ते तथा पिथेसलॉबियम डल्स (जंगल जलेबी) की पत्ती से रोकथाम के कारगर उपाय बताए गए हैं। धर्मेंद्र कुमार की मौखिकी परीक्षा सोमवार को बाह्य परीक्षक पटना विश्वविद्यालय पटना के डॉक्टर डीके पॉल ने शोध प्रबंध को देखते हुए साक्षात्कार किया और शोध प्रबंध की सराहना की। धर्मेंद्र कुमार का दो अंतरराष्ट्रीय शोध पेपर भी प्रकाशित हो चुका है। यह मूल रूप से मड़ियाहूं के सिंगारपुर गांव के रहने वाले हैं। धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि शोधकार्य में वनस्पतियों के गुणवत्ता पर बहुत कुछ जानकारी हुई जो आगे लोगों के काम आएगी और बीमारी को रोकने में वनस्पतियों का बहुत योगदान है।
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