Jaunpur News : कृषि वैज्ञानिकों ने आईसीएआर की गलत नीतियों का किया विरोध | Naya Savera Network
काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। क्षेत्र के ग्राम अमिहित स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर गुरुवार को पूर्वांह 11 बजे कृषि वैज्ञानिकों ने आईसीएआर की गलत नीतियों के खिलाफ बांह में कालीपट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब हो कि कृषि को उन्नत बनाने के लिए सरकार द्वारा 1974 में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्रथम कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना पांडिचेरी में की गई। कृषि विज्ञान केंद्र का कृषि में योगदान देखते हुए देश के प्रत्येक जिले में एक कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई और कुछ बड़े जनपदों में दो कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई, जिनकी संख्या वर्तमान में 731 है। कृषि विज्ञान केन्द्रों का सौ प्रतिशत वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से करता है। 731 कृषि विज्ञान केंद्रों में लगभग केवल 9 प्रतिशत 66 कृषि विज्ञान केन्द्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत संचालित हैं। इसके अलावा लगभग 91 प्रतिशत 665 कृषि विज्ञान केंद्र राज्य कृषि विश्वविद्यालयों एवं गैर सरकारी संगठनों के अंतर्गत संचालित है। देश के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के मिशन, मैंडेट एवं कार्य एक समान है, लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपने कृषि विज्ञान केन्द्रों के कर्मचारियों को समय से प्रोमोशन, पेंशन, ग्रैट्यूटी आदि सभी सुविधाएं दे रहे हैं, लेकिन गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केन्द्रों को परिषद समय से प्रमोशन, पेंशन एवं ग्रैट्युटी आदि जैसी आवश्यक सुविधाओं से केन्द्रों के कर्मचारियो को वंचित रख कर उनको प्रताड़ित किया जा रहा है जिससे गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों में भविष्य को लेकर असुरक्षा व्याप्त है। समय-समय पर परिषद् द्वारा केन्द्र के कर्मचारियों को पत्र लिखकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है जिससे केंद्रों का कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं आईसीएआर अपने कृषि विज्ञान केन्द्रों के कर्मचारियों को सभी लाभ दे रहा है और उसी काम के लिए गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारियों को सभी लाभों से वंचित करना संविधान सम्मत नहीं है, क्योंकि समान कार्य के लिए समान वेतन के नियम का उल्लंघन हो रहा है इसलिए अखिल भारतीय कृषि विज्ञान केन्द्र एवं एक्रिप फोरम के आह्वान पर देश के सभी कृषि विज्ञान केंद्र शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र बक्शा, अमिहित एवं बहराइच प्रथम केंद्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्षों के नेतृत्व में कृषि विज्ञान केन्द्र, अमिहित के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से धरना एवं विरोध प्रदर्शन किया।
केराकत, जौनपुर। क्षेत्र के ग्राम अमिहित स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर गुरुवार को पूर्वांह 11 बजे कृषि वैज्ञानिकों ने आईसीएआर की गलत नीतियों के खिलाफ बांह में कालीपट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब हो कि कृषि को उन्नत बनाने के लिए सरकार द्वारा 1974 में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्रथम कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना पांडिचेरी में की गई। कृषि विज्ञान केंद्र का कृषि में योगदान देखते हुए देश के प्रत्येक जिले में एक कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई और कुछ बड़े जनपदों में दो कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई, जिनकी संख्या वर्तमान में 731 है। कृषि विज्ञान केन्द्रों का सौ प्रतिशत वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से करता है। 731 कृषि विज्ञान केंद्रों में लगभग केवल 9 प्रतिशत 66 कृषि विज्ञान केन्द्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत संचालित हैं। इसके अलावा लगभग 91 प्रतिशत 665 कृषि विज्ञान केंद्र राज्य कृषि विश्वविद्यालयों एवं गैर सरकारी संगठनों के अंतर्गत संचालित है। देश के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के मिशन, मैंडेट एवं कार्य एक समान है, लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपने कृषि विज्ञान केन्द्रों के कर्मचारियों को समय से प्रोमोशन, पेंशन, ग्रैट्यूटी आदि सभी सुविधाएं दे रहे हैं, लेकिन गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केन्द्रों को परिषद समय से प्रमोशन, पेंशन एवं ग्रैट्युटी आदि जैसी आवश्यक सुविधाओं से केन्द्रों के कर्मचारियो को वंचित रख कर उनको प्रताड़ित किया जा रहा है जिससे गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों में भविष्य को लेकर असुरक्षा व्याप्त है। समय-समय पर परिषद् द्वारा केन्द्र के कर्मचारियों को पत्र लिखकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है जिससे केंद्रों का कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं आईसीएआर अपने कृषि विज्ञान केन्द्रों के कर्मचारियों को सभी लाभ दे रहा है और उसी काम के लिए गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारियों को सभी लाभों से वंचित करना संविधान सम्मत नहीं है, क्योंकि समान कार्य के लिए समान वेतन के नियम का उल्लंघन हो रहा है इसलिए अखिल भारतीय कृषि विज्ञान केन्द्र एवं एक्रिप फोरम के आह्वान पर देश के सभी कृषि विज्ञान केंद्र शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र बक्शा, अमिहित एवं बहराइच प्रथम केंद्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्षों के नेतृत्व में कृषि विज्ञान केन्द्र, अमिहित के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से धरना एवं विरोध प्रदर्शन किया।
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