आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI और व्यक्तित्व | Naya Savera Network
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और व्यक्तित्व (Personality)-
आज के डिजिटल युग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रभाव हमारे जीवन के हर क्षेत्र में गहराई से प्रवेश कर चुका है। शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन, और कार्यस्थल से लेकर व्यक्तिगत संबंधों तक, AI ने हर पहलू को प्रभावित किया है। वहीं, इसके साथ ही, AI का मानव व्यक्तित्व पर भी गहरा असर पड़ रहा है, जो एक जटिल और विचारणीय विषय बन गया है। व्यक्तित्व एक व्यक्ति की सोच, भावनाओं, व्यवहार, और सामाजिक गुणों का समुच्चय है, जो उसे दूसरों से अलग करता है। यह लेख AI और व्यक्तित्व के बीच के संबंधों का अध्ययन करेगा, साथ ही इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर भी विचार करेगा।
व्यक्तित्व और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का संबंध- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का व्यक्तित्व पर प्रभाव विभिन्न रूपों में देखने को मिलता है-
• व्यक्तित्व विकास में AI का योगदान
• AI तकनीकें अब व्यक्तित्व विकास में मददगार साबित हो रही हैं।
1- व्यक्तिगत शिक्षा और प्रशिक्षण: AI आधारित शिक्षण उपकरण जैसे कि व्यक्तिगत शिक्षक (personalized learning tools) विद्यार्थियों को उनके व्यक्तित्व और क्षमता के आधार पर सीखने के अवसर प्रदान करते हैं। इससे छात्रों के कौशल, रुचियां और क्षमता के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किए जाते हैं, जो उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक होते हैं।
• मनोवैज्ञानिक परीक्षण और टूल्स: AI आधारित मनोवैज्ञानिक परीक्षण, जैसे कि Myers-Briggs Type Indicator (MBTI) या Big Five Personality Test, व्यक्तित्व लक्षणों का विश्लेषण करने में सहायक होते हैं। ये उपकरण व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं का सटीक आकलन करते हैं और व्यक्तियों को अपने व्यक्तित्व के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करते हैं।
2. सोशल मीडिया और व्यक्तित्व निर्माण- सोशल मीडिया का AI एल्गोरिदम व्यक्तियों के व्यक्तित्व पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डालता है।
• ऑनलाइन पहचान का निर्माण: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर AI द्वारा किया गया डेटा विश्लेषण उपयोगकर्ताओं की रुचियों और व्यवहार को समझने में मदद करता है, जिससे एक डिजिटल पहचान (digital identity) का निर्माण होता है।
• दबाव और आत्म-प्रस्तुति: AI एल्गोरिदम उपयोगकर्ताओं को ऐसे कंटेंट से जोड़ते हैं जो उनकी रुचियों के अनुसार होते हैं, लेकिन इससे कभी-कभी व्यक्ति पर दिखावे और आत्म-अभिव्यक्ति का दबाव पड़ता है। इससे उनके आत्म-संवेदन और आत्म-छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
3. व्यक्तित्व विकारों का मूल्यांकन और उपचार- AI तकनीकें मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।
• मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का मूल्यांकन: AI आधारित चैटबॉट्स और अन्य मानसिक स्वास्थ्य उपकरण डिप्रेशन, चिंता (anxiety), और अन्य मानसिक विकारों का आकलन करने में मदद करते हैं। इन उपकरणों का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा व्यक्तित्व विकारों के निदान और उपचार में किया जा सकता है।
• थेरेपी में AI का उपयोग: AI को व्यक्तिगत थेरेपी में भी शामिल किया जा सकता है, जहां यह चिकित्सकों को बेहतर सलाह देने में मदद करता है, साथ ही व्यक्तियों को व्यक्तिगत सुझाव भी प्रदान करता है।
4. रोजगार और व्यक्तित्व- AI का कार्यस्थल पर भी व्यक्तित्व पर असर पड़ता है।
• कर्मचारियों का आकलन: AI आधारित प्रणाली कार्यस्थल पर कर्मचारियों के व्यक्तित्व लक्षणों जैसे कि नेतृत्व क्षमता, टीम वर्क, और कार्य नैतिकता का विश्लेषण करती है। इससे कर्मचारियों के व्यवहार और कार्य उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है।
• मानसिक दबाव: AI एल्गोरिदम के माध्यम से कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि ये लगातार उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करते हैं और कभी-कभी उनके आत्म-संवेदन को चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं।
5. बच्चों का व्यक्तित्व और AI- AI आधारित गेमिंग और वर्चुअल असिस्टेंट्स बच्चों के व्यक्तित्व पर असर डाल रहे हैं।
• संवाद कौशल: वर्चुअल असिस्टेंट्स जैसे Siri और Alexa बच्चों के संवाद कौशल को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि ये उपकरण बच्चों से संवाद करने में मदद करते हैं।
• रचनात्मकता में कमी: हालांकि, अगर बच्चे इन उपकरणों पर अत्यधिक निर्भर हो जाते हैं, तो यह उनकी रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को कमजोर कर सकता है।
चुनौतियाँ और नैतिक मुद्दे- AI और व्यक्तित्व के संबंध में कई नैतिक और सामाजिक मुद्दे उत्पन्न होते हैं, जैसे:
1- निजता का हनन: AI तकनीकें व्यक्तित्व लक्षणों का विश्लेषण करके डेटा एकत्रित करती हैं, जिससे गोपनीयता की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
2- आलोचनात्मक सोच में कमी: AI के अत्यधिक उपयोग से मानव सोच और निर्णय क्षमता में कमी आ सकती है, क्योंकि लोग अधिकतर निर्णय AI के जरिए ही लेने लगते हैं।
3- सामाजिक अलगाव: AI आधारित उपकरणों के माध्यम से लोगों के बीच संवाद और सामाजिक संबंधों में कमी आ सकती है, जिससे समाज में एकाकीपन और अलगाव बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का व्यक्तित्व पर प्रभाव बहुत गहरा और विविध है। यह एक ओर व्यक्तित्व को नए आयामों तक पहुँचाने की क्षमता रखता है, वहीं दूसरी ओर इसके दुरुपयोग से मानसिक और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, AI का उपयोग करते समय संतुलन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आवश्यक है कि हम AI को एक सहायक उपकरण के रूप में उपयोग करें, न कि इसके द्वारा व्यक्तित्व के विकास को नियंत्रित या सीमित करें।
संदेश:
AI और व्यक्तित्व के सह-अस्तित्व का भविष्य तभी उज्जवल होगा, जब हम इसे सही दिशा में नियंत्रित और उपयोग करेंगे। AI को हमारे सोचने, समझने और महसूस करने की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए एक उपकरण के रूप में अपनाना चाहिए।
डाॅ. ममता सिंह
असि.प्रो. मनोविज्ञान विभाग
मो.हसन पी.जी.कॉलेज,जौनपुर