Jaunpur News : ठंड से पशुओं की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें: सीवीओ | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओपी श्रीवास्तव ने सर्दी के मौसम में ठंड एवं बीमारियों से पशुओं को बचाने के लिए सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पशुओं को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता है। पशुओं को सुबह 7.00 बजे के बाद ही शेड/पशुशाला से बाहर निकाले तथा शाम 6.00 बजे तक घर में बांध दे। पशुओं को दिन में धूप में रखे और रात से सुबह तक काऊकोट या जूट के बोरे का उपयोग करके ढकें। पशुओं को ठंडी हवा से बचाने के लिए पशुशाला के ऊपर/चारों तरफ तिरपाल लगाना चाहिए, साथ ही दरवाजे, खिड़कियां और रोशनदान को टाट या बोरे से ढक देना चाहिए। पशुओं को पर्याप्त मात्रा में ताजा और स्वच्छ पानी पिलाने पर जोर दिया गया है।
ठंड बढ़ने पर गुनगुने पानी का भी उपयोग किया जा सकता है। अत्यधिक ठंड के कारण पशुओं को सर्दी लग सकती है और शरीर का तापमान 99°F से 100°F तक हो सकता है। ऐसे में पशुओं को कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और अन्य आवश्यक दवाएं दी जानी चाहिए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि ठंड के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखना आवश्यक है।
पशुओं को खुरपका-मुंहपका, एचएस, बकरियों में पीपीआर, ईटी जैसी बीमारियों से बचाने के लिए पशु चिकित्सालय में उपलब्ध टीके अवश्य लगवाएं। उन्होंने कहा कि रात में पशुओं को खुले स्थान पर न रखें और ठंडे पानी से नहलाने से बचें। पशु बाड़े की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह करते हुए उन्होंने बताया कि गोबर और मूत्र के निकास की उचित व्यवस्था करें और बाड़े को सूखा रखें। प
शुओं को संतुलित आहार दें और उनके भोजन में खली, दाने और अजवाइन-गुड़ का उपयोग बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि ठंड लगने की स्थिति में तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें। पशु चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे ठंड से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति सतर्क रहें और किसी भी समस्या के लिए नजदीकी पशु चिकित्साधिकारियों से संपर्क करें या"1962" टोल फ्री नंबर पर कॉल करें।
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