#Article: भाई दूज पर तिलक के लिए मिलेगा बस इतने घंटे का समय, भूलकर भी न करें ये गलतियां? | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक होता है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करने और स्नेह को प्रकट करने का एक प्रमुख पर्व है। यह पर्व दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है और इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सफलता, और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं और व्रत रखती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा व खुशहाली का वचन देते हैं। आज भाई दूज के पावन पर्व पर बहनें किस शुभ मुहूर्त में भाईयों को तिलक करें, जिससे उनके जीवन में तरक्की और खुशहाली बनी रहे, आइए जानते हैं।
- भाई दूज पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को रात 8:22 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 3 नवंबर को रात 11:06 पर होगा। भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक तक रहेगा।
- भाई दूज के दिन भूल से भी न करें ये काम
भाई दूज पर भाई को तिलक लगाते समय बहन को हमेशा रोली, अक्षत, दीपक और मिठाई का थाल रखना चाहिए। बिना थाल के तिलक करना अशुभ माना जाता है। भाई दूज के दिन भाई-बहन के बीच झूठ बोलने से रिश्ते में दरार आ सकती है। इसलिए भाई दूज के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए। इस दिन गुस्सा करने से बचना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भाई दूज के दिन किसी से भी झगड़ा या विवाद न करें। इससे घर में कलह का वातावरण बन सकता है। इस दिन बाल काटना, नाखून काटना आदि करने से बचना चाहिए। इन कामों को इस दिन अच्छा नहीं माना जाता है।
- भाई दूज का महत्व
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, स्नेह और विश्वास को बढ़ाने का प्रतीक है। यह त्योहार पारिवारिक मूल्यों, परंपराओं और आपसी सहयोग का संदेश देता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उसकी आरती उतारती हैं और मिठाई खिलाती हैं। तिलक के बाद बहनें अपने भाई के स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना करती हैं, भाई दूज पर भाई अपनी बहनों को तोहफे देते हैं, जो उनके बीच के प्रेम को और मजबूत करता है।