#Poetry: वोट किसको दे रहे हैं? | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वोट किसको दे रहे हैं?
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जिसने लूटा, उसे जिता दो,
जिसने कूटा,उसे जिता दो,
घोटालेबाजी में जिनका -
भांडा फूटा,उसे जिता दो।
वंशवाद-परिवारवाद में -
मिला अंगूठा, उसे जिता दो।
कुत्ते, बिल्ली,गधे, लोमड़ी,
तुम्बक तूता,उसे जिता दो।
दिए सनातन को जो गाली,
मारे जूता,उसे जिता दो।
बेटा-बेटी और भतीजा,
गाड़े खूंटा, उसे जिता दो।
प्रभू धाम को जो लटकाए,
है जो झूठा, उसे जिता दो।
भारत माता सिसक रही हैं,
धीरज छूटा, उसे जिता दो।
जातिवाद का बिष फैलाकर,
लड़े कलूटा, उसे जिता दो।
पढ़े-लिखे मूर्खों अब जागो,
जो है ठूंठा, उसे जिता दो।
अगर बंटे तो आप कटेंगे,
लक भी रूठा, उन्हें जिता दो।
बाबर की औलाद दहाड़े,
छोड़ शगूफा, उन्हें जिता दो।
महाराष्ट्र या झारखंड में,
भांडा फूटा, उन्हें जिता दो।
फ्यूचर देखो, कदम-कदम पर
जिसने कूटा, उसे जिता दो।
थूकेंगी सदियां भविष्य में,
हिंदू फूटा, उन्हें जिता दो।
अब भी सेकुलर के झांसे में,
मिलकर लूटा, उसे जिता दो।
संभाजी को याद करो तुम-
रहिए सूता, उन्हें जिता दो।
सुरेश मिश्र