#Poetry: इत श्री कथा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रिमूव करने वाले की | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
इत श्री कथा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रिमूव करने वाले की
वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रिमूव करते हैं
जो समाज सेवा में पिछले दरवाजे से घुसते हैं
गैर कानूनी गतिविधियों की आड़ में चलते हैं
समाज सेवा में मुखौटे बने रहते हैं
वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रिमूव करते हैं
समाज में पोल पट्टी खुलने से डरते हैं
स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की चाहत रखते हैं
मोहल्ले की दिखावटी साफ़ सफाई कराते हैं
वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रिमूव करते हैं
गैर कानूनी कार्यों की आड़ में छिपते हैं
नेताओं के कार्यक्रमों में एंकरिंग करते हैं
खैराती एडमिन अध्यक्ष एंकर होते हैं
वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रिमूव करते हैं
ख़ुद के पिता से नौकरी करवाते हैं
समाज को गरिमा की पाठ पट्टी पढ़ाते हैं
अपनी प्रतिष्ठा की शेखी बगारते हैं
वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रिमूव करते हैं
गैर कानूनी कार्यों पर धौंस दिखाते हैं
विधानसभा उम्मीदवार के आगे पीछे घूमते हैं
अपनी पहचान की झूठी शेखी बगारते हैं
वें लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रिमूव करते हैं
लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र