नया सवेरा नेटवर्क
मित्रों हमारे गाँव में विगत कई वर्षों से बृहद मेला आयोजित किया जाता है दूर दराज से लोग इस मेला को देखने के लिए आते हैं।इस मेले की खासियत यह है कि यह अश्विन मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को लगता है।सहिजद रामपुर का यह प्रमुख उत्सव है।लोग परदेश से छुट्टी लेकर इस मेले को देखने के लिए आते हैं।हमारे गाँव के अगल बगल के गाँव में भी इस मेले को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है|ऐसा लगता है जैसे हर घर में विवाहादि का आयोजन हो|सबके चेहरे की रौनक देखते ही बनता है|कोई ऐसा घर नहीं बचता जिसके यहाँ दो चार रिस्तेदार न आयें|मेले के बाद जो भरत मिलाप और रामलीलादि वगैरह होता है वह तो अवर्णनीय है|उसी मेले का कुछ दृश्य उकेरने की कोशिश की है।आप सभी को इस पुनीत मेला दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामना|
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तहशील मछलीशहर में अकेला।
लगता है सहिजद रामपुर का मेला।
सजती है झाँकी लखन राम की।
होती है पूजा हनूमान की।।
होती है रामायण सजता है मेला।लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
तहशील मछलीशहर----------
पेडा़ मिठाई जलेबी चोटहिया।
चाट औ समोसा से महकइ जगहिया।।
सेव संतरा से सजा रहइ ठेला।।लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
तहशील मछलीशहर-----------
खुरपी कुदारि फरसा पलरी अउ छिटवा।
दउरी चंगेरी भउका मिले खाँची झउवा।।
हंसिया पंहसुल चाकू सबकुछ बिकेला।
लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
तहशील मछलीशहर---------
चूडी़ कंगन तरकी माँथे की बिंदिया।
करधन बाजूबंद मिलती झुलनिया।।
गाँव की बहन बेटी देखें खुब मेला।
लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
तहशील मछलीशहर-----------
बंशी पिपिहिरी औ सीटी की धुन में।
करते उछल कूद बालक मगन होके मन में।।
रावण का गणता है पुतला अकेला।
लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
तहशील मछलीशहर----------
हर साल अश्विन एकादश को लगता।
लोगों में खुशियों का संचार करता।।
उड़ते गुब्बारों से खिलता है मेला।
लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
तहशील मछलीशहर -------------
गट्टा अउ रेवडी़ बिचाइ खुब पडा़का।
लेबिनचूस पेठा खरीदइं खुब काका।।
बनता मिशाल भाईचारे का मेला।
लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
तहशील मछलीशहर------------
नाच गाना होता है बजता है बाजा।
भरतमिलाप होता है राम बनते राजा।।
जौनपुरी भी मस्त करइं खूब खेला।
लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
तहशील मछलीशहर में अकेला।
लगता है सहिजद रामपुर का मेला।।
पं. शिवप्रकाश जौनपुरी
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