आज नवरात्रि का 8वां दिन, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻गुरुवार, १० अक्टूबर २०२४🌻
सूर्योदय: 🌄 ०६:२२
सूर्यास्त: 🌅 ०६:५४
चन्द्रोदय: 🌝 १३:०५
चन्द्रास्त: 🌜२३:०५
अयन 🌖 दक्षिणायणे (दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🎄 शरद
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८१ (काल)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 सप्तमी (१२:३१ से अष्टमी)
नक्षत्र 👉 पूर्वाषाढ (२९:४१ से उत्तराषाढ)
योग 👉 अतिगण्ड (२८:३७ से सुकर्मा)
प्रथम करण 👉 वणिज (१२:३१ तक)
द्वितीय करण 👉 विष्टि (२४:२४ तक)
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 धनु
मंगल 🌟 मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 तुला (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 वृष (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 तुला (उदय, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४० से १२:२७
अमृत काल 👉 २४:४८ से २६:२६
विजय मुहूर्त 👉 १३:५९ से १४:४६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५१ से १८:१६
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:५१ से १९:०६
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३९ से २४:२९
राहुकाल 👉 १३:३० से १४:५७
राहुवास 👉 दक्षिण
यमगण्ड 👉 ०६:१६ से ०७:४३
दुर्मुहूर्त 👉 १०:०८ से १०:५४
होमाहुति 👉 शुक्र
दिशाशूल 👉 दक्षिण
अग्निवास 👉 आकाश
भद्रावास 👉 पाताल (१२:३१ से २४:२४ तक)
चन्द्र वास 👉 पूर्व
शिववास 👉 भोजन में (१२:३१ से श्मशान में)
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
☄चौघड़िया विचार☄
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ - शुभ २ - रोग
३ - उद्वेग ४ - चर
५ - लाभ ६ - अमृत
७ - काल ८ - शुभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ - अमृत २ - चर
३ - रोग ४ - काल
५ - लाभ ६ - उद्वेग
७ - शुभ ८ - अमृत
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पूर्व (दही का सेवन कर यात्रा करें)
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
〰️〰️〰️〰️
महालक्ष्मी-सरस्वती पूजन, भद्रकाली अवतार प्राक्ट्योत्सव, बुध तुला में ११:२० से, विवाहादि मुहूर्त कन्या ल० (अंतरात्रि ०५:४० से प्रातः ०६:२२ तक) आदि।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
आज २९:५१ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पूर्वाषाढ नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (भू, धा, फा, ढा) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराषाढ नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (भे) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या - २८:३३ से ०६:५१
तुला - ०६:५१ से ०९:१२
वृश्चिक - ०९:१२ से ११:३१
धनु - ११:३१ से १३:३५
मकर - १३:३५ से १५:१६
कुम्भ - १५:१६ से १६:४२
मीन - १६:४२ से १८:०५
मेष - १८:०५ से १९:३९
वृषभ - १९:३९ से २१:३४
मिथुन - २१:३४ से २३:४९
कर्क - २३:४९ से २६:१०+
सिंह - २६:१०+ से २८:२९+
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक - ०६:१६ से ०६:५१
शुभ मुहूर्त - ०६:५१ से ०९:१२
रज पञ्चक - ०९:१२ से ११:३१
शुभ मुहूर्त - ११:३१ से १२:३१
चोर पञ्चक - १२:३१ से १३:३५
शुभ मुहूर्त - १३:३५ से १५:१६
रोग पञ्चक - १५:१६ से १६:४२
शुभ मुहूर्त - १६:४२ से १८:०५
शुभ मुहूर्त - १८:०५ से १९:३९
रोग पञ्चक - १९:३९ से २१:३४
शुभ मुहूर्त - २१:३४ से २३:४९
मृत्यु पञ्चक - २३:४९ से २६:१०+
अग्नि पञ्चक - २६:१०+ से २८:२९+
शुभ मुहूर्त - २८:२९+ से २९:४१+
रज पञ्चक - २९:४१+ से ३०:१६+