#Poetry: खुशियां आयोजित इंतजाम हैं, दुःख खुशियों के उत्सव का बचा सामान हैं | #NayaSaveraNetwork
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खुशियां आयोजित इंतजाम हैं
दुःख खुशियों के उत्सव का बचा सामान हैं।
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खुशियाँ हमें हमारे चाहत के
अनुपात में हमेशा एक सा सुख नहीं दे पाती
क्योंकि जिस ऊंचाई की खुशी
का इंतजाम हम करते हैं।
उसके मिलते ही वह खुशी हर दिन,
प्रकृति की स्वाभाविक प्रक्रिया में
अपने उतार की ओर बढ़ने लगती है,
और निरंतर प्रकिया में,
अवसान तक रख रखाव के उलझनों के साथ,
समाप्त हो जाती है।
जीवन से जो सीखता हूँ।
आत्म ज्ञान से उसे सींचता हूँ।
इस सृष्टि के अच्छे बुरे सभी आयामों का मैं आभारी हूँ।
जहां से कुछ सीखने को मिलता है।
Written by : #nirajchitravanshi