#Article: क्या हिन्दू भारत में केवल गाली खाने और जलालत झेलने के लिए है | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
जबसे हम जानने लायक हुए है तबसे लेकर अब तक हिन्दुओं को सिर्फ मरते गाली खाते और जलालत झेलते ही देखा और सुना है। उसके पहले का इतिहास भी जब पढ़ते हैं तो पाते हैं कि सबसे धिक अत्याचार यदि किसी धर्म के साथ हुआ है तो वह है हिन्दू। पूरे विश्व में हिन्दू ही था। मगर आज सिकुड़ते सिकुड़ते भारत और नेपाल तक ही सीमित रह गया है। यहाँ भी वह सत्तालोभियों के चलते सुरक्षित नहीं है। खासकरके भारत में भारत को गुलामी से आजाद करवाने के लिए तमाम हिन्दुओं ने बलिदान दिया
यह सोंचकर कि आजादी के बाद हम सब सुखी हो जायेंगे। मगर उनकी यह धारणा सत्तालोभियों ने मटियामेट कर दिया। हिन्दू हिन्दुस्तान में ही दोयम दर्जे का होकर रह गया है। आजादी के बाद यदि किसी धर्म के साथ सबसे अधिक अत्याचार और धोखा हुआ है तो वह हिन्दू है। जिसकी मर्जी जब कहती है हिन्दू देवी देवताओं को अभिव्यक्ति की आजादी का सहारा लेकर गरिया देता है। जब मर्जी करे हिन्दू को आतंकी कह देता है। जब मर्जी करती है हिन्दू को हिंसक कह देता है। हिन्दू देवी देवताओं को भी हिंसक कह देता है कोई हिन्दू देवी देवताओं की नंगी तस्वीर बनाकर बड़के चित्रकार का ईनाम हांसिल कर लेता है और हम सभी हिन्दू ऐसे ही बेलगाम बदजात बेहूदे लोगों के लिए नपुंसकों की तरह ताली बजाते हैं। ऐसे दुष्ट धुर्त लोगों को चुनकर संसद और विधानसभा में भेजते हैं। जो हम हिन्दुओं की हर जगह बखिया उधेड़ने में जरा भी संकोच नहीं करता।
आजादी से लेकर आज तक कभी भी अन्य किसी भी धर्म के देवी देवताओं को व उनके धर्मगुरुओं को गाली खाते नहीं देखा गया होगा। जितना कि हिन्दू देवी देवता व धर्मगुरुओं को गाली दी जा रही है। किसी भी नेता में कलाकार में चित्रकार में जरा भी साहस नहीं है कि मुस्लिम के बारे में बोल दे। उनके खुदा के बारे में बोलना तो दूर की बात है। यदि किसी ने साहस दिखाया तो उसका शर तन से जुदा हो के नारे लगने लगते हैं। मस्जिदों से मौलवी फतवा जारी करने लगते हैं। इनाम घोषित होने लगते हैं। वहीं हिन्दू धर्म के लिए व हिन्दू देवी देवताओं को कुछ भी कह दो। आपको इसके पारितोषिक मिलता है|हमारे यहाँ कई राजनीतिक पार्टियाँ मंत्री तक बना दे रही है,हिन्दू को गरियाने वालों को।
विगत चुनाव में यह देखने सुनने को खूब मिला। एक पुरानी राष्ट्रीय पार्टी का मुखिया तो पानी पी पी कर गरिया रहा है। फिर भी 45% हिन्दू उसी को चुने। कुछ तो लालच में कुछ चमचई में लेकिन चुने उसी को जो उनको ही भला बुरा कह रहा था वही नेता अब संसद में बिना डिगे हिन्दुओं को गरियाने में पूरी शिद्दत से लगा है, हिन्दू देवी देवता को अपमानित कर रहा है। संविधान की अवहेलना कर रहा है और वहाँ उपस्थित इंडी गठबंधन के हिस्सेदार हिन्दू नेता नपुंसकों की तरह ताली बजा रहे हैं। स्पीकर महोदय सिर्फ शांत करा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट मौन है यही यदि अन्य धर्म के लिए बात कही गई होती तो अब तक देश जला दिया जाताऔर कहने वाले का शर तन से जुदा हो मस्जिदों से फतवा जारी हो गया होता। मगर हिन्दू धर्म को कितना भी गरियाओ, जलील करो, किसी को भी रत्ती भर भी फरक नहीं पड़ता इसलिए कहना पड़ रहा है कि क्या हिन्दू भारत में केवल गाली खाने, मरने व जलालत झेलने के ही लिए है।
पं.जमदग्निपुरी
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