नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। गुरुवार को महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखकर बरगद के वृक्ष का पूजन किया। महिलाएं देवी सावित्री के पति प्रेम और पतिव्रत धर्म को स्मरण कर अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना किया। इस दिन वट सावित्री की पूजा मान्यतानुसार महिलाओं को आम का मुरब्बा, गुड़ या चीनी जरूर खाना चाहिए। इस दिन प्रभु को पूड़ी, चना और पूआ को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। वट सावित्री व्रत के दिन तामसिक प्रवृति की वस्तुएं बिलकुल नहीं खानी चाहिए। ज्ञात हो कि वट सावित्री व्रत सती सावित्री से जुड़ा है। सावित्री की कथा के अनुसार देवी सावित्री ने पति के प्राणों की रक्षा के लिए विधि के विधान को बदल दिया था। अपने सतीत्व और कठोर तपस्या से सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था। यमराज ने वट वृक्ष के नीचे ही सत्यवान के प्राण लौटाए थे और वरदान भी दिया था कि जो सुहागिने वट वृक्ष की पूजा करेंगी उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलेगा। बरगद का वृक्ष एक दीर्घजीवी विशाल वृक्ष है इसलिए हिंदू परंपरा में इसे पूज्य माना जाता है।
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