नया सवेरा नेटवर्क
पुलिस ने जताया था जान को खतरा लेकिन नहीं दी सुरक्षा
शाहगंज जौनपुर। कोतवाली क्षेत्र का सबरहद गांव सोमवार सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। हौसलाबुलंद नकाबपोश बदमाशों ने युवक को गोलियों से छलनी कर दिया। वारदात गांव के इमरानगंज बाजार में हुई। अस्पताल ले जाते वक्त युवक की मौत हो गई। युवक रोजगार सेवक था, हिंदूवादी संगठनों से जुड़ा हुआ था और स्थानीय स्तर पर पत्रकारिता के साथ गांव की रामलीला समिति के अध्यक्ष रहे। घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। परिजनों ने पुलिस पर हीलाहवाली और लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों के मुताबिक करीब 10 दिन पहले पुलिस ने मृतक को बुलाकर उसकी जान को खतरा होने की बात कही थी, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया। फिलहाल पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक समेत आधा दर्जन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच जांच में जुटी है।
जानकारी के मुताबिक सबरहद गांव निवासी आशुतोष श्रीवास्तव सोमवार को सुबह नाश्ता करके अपने घर से करीब 400 मीटर दूर स्थित इमरानगंज बाजार पहुंचे थे। वहां सफेद अपाची बाइक से आए 2 बदमाशों ने उनके ऊपर गोलियां बरसाईं। बदमाशों ने चेहरे पर गमछा बांधा हुआ था। आशुतोष को सीने और पेट के ऊपरी हिस्से में 4 गोलियां लगीं। दिनदहाड़े हुई वारदात से हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में पुलिस को सूचित किया और गंभीर हालत में आशुतोष को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सामाजिक रूप से सक्रिय और स्थानीय स्तर पर पत्रकारिता करने की वजह से अस्पताल में गांव वालों और जानने वालों की भीड़ जुट गई। थोड़ी ही देर में पुलिस के उच्चाधिकारी भी पहुंच गए। मौके पर स्थानीय विधायक रमेश सिंह और भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह भी समर्थकों संग पहुंचे। पुलिस ने किसी तरह से परिजनों को समझा बुझाकर कड़ी मशक्कत के बाद शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मृतक आशुतोष के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने कोतवाली पुलिस पर संगीन आरोप भी लगाया है। मृतक की भयोहू डॉली श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने करीब 10 दिन पहले आशुतोष को कोतवाली बुलाया था और उन्हें जान का खतरा होने की बात बताई थी। पुलिस ने कहा था कि आशुतोष कुछ दिन के लिए गांव छोड़ दें या घर में ही रहें। हालांकि उन्होंने पुलिस से काम का हवाला देते हुए सुरक्षा देने की बात कही थी लेकिन पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया।
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