मुद्दाविहीन हताश विपक्ष भ्रष्टाचार में लिप्त मिथ्या दोषारोपण करते भाग रहा है | #NayaSaveraNetwork

मुद्दाविहीन हताश विपक्ष भ्रष्टाचार में लिप्त मिथ्या दोषारोपण करते भाग रहा है | #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

आम चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है|सभी राजनीतिक पार्टियाँ चुनाव जीतकर देश की सत्ता हथियाने की जुगत में पूरी शिद्दत से लग गई हैं|सत्ता पक्ष सत्ता बनाये रखने के लिए,विपक्ष सत्ता पाने के लिए पुरजोर कोशिस कर रहा है|जिसके लिए कई लोक लुभावने आफर भी जनता को दिए जा रहे हैं|जो कि हर आमोखास चुनाव में दिये जाते हैं|हालांकि मिलता नहीं ए अलग बात है|मलाई सब आफर देने वाले खाते हैं|जनता को तो छाछ भी ढंग से नहीं मिली आज तक|रोजगार देने की बात सभी पार्टियाँ करती तो हैं मगर देती नहीं|आज तक यह रिकार्ड कोई राजनीतिक पार्टी तोड़ नहीं पाई|मंहगाई कम करने की बात सभी पार्टी करती तो हैं,मगर करती नहीं|यह भी रिकार्ड बरकार ही है|हाँ जतिवाद धर्मवाद अलगाववाद  का जहर जनमानस में सौ के सौ प्रतिशत जरूर भरती हैं|जिससे सामाजिक ताना बाना उलझा रहे,और ए सभी पार्टियाँ अपना उल्लू सीधा करती रहें|इन पार्टियों को देश और देश की जनता से कुछ लेना देना नहीं है|इनका बस एक ही लक्ष्य है|सत्ता|ए तो रही बात पार्टियों की मशक्कत की जो कि सभी पार्टियाँ इस चुनावी मौसम में कर रही हैं|और करे भी क्यों नहीं,आखिर सत्ता पानी है|देश के सिंहासन पर बैठना है तो मेहनत तो कुछ दिन करनी ही पड़ेगी|

     अब आते हैं मूल विषय पर|मुद्दाविहीन हताश विपक्ष,आज मैदान में उतरने से पहले ही हार मान बैठा है,ऐसा दिख रहा है|क्योंकि जितनी मुख्य पार्टियाँ हैं सबके मुखिया या प्रमुख नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं|सबके ऊपर कोई न कोई स्कैम चल रहा है|और ए भ्रष्टाचारी नेतागण अपने को अदालत में सच्चा न साबित करके सड़कों पर तांडव कर व अपने चमचों से करवा रहे हैं|जनता को बरगला रहे है़|जनता से और मिडिया से कह रहे हैं कि हम तो बड़े सच्चे हैं|हमारे ऊपर जितने आरोप हैं,वह राजनीतिक विद्वेश से किये गये हैं|बर्तमान सरकार तानाशाही कर रही है|हम सभी विपक्षियों को जेल में डालकर लोकतंत्र की हत्या कर रही है,संविधान खतरे में है|आदि आदि|और सभी जाँच एजेंसियों को हम विपक्षियों के पीछे लगा रखी है|मजे की बात यह देखिए कि जो इनके चमचे हैं वह भी जनता के मध्य यही बात लेकर जा रहे हैं|लेकिन जनता अब जाग चुकी है|इनकी बातों का जनता पर असर ही नहीं हो रहा|जनता कह  रही है कि माना आप पाक साफ हो|आपने देश को नहीं लूटा,हमारा हक नहीं खाया है|सभी जाँच एजेंसियाँ सरकार के इशारे पर आप सभी विपक्षियों को बदनाम कर रही हैं|एजेंसियाँ आप सबको बारी बारी से उठाकर जेल में डाल रही हैं|तो आप सभी कोई आम जनता तो हो नहीं,कि अदालत में जाने से डर रहे हो|आपके पास तो लाखों रूपये फीस लेने वाले पावरफुल देश के नं.एक वाले वकीलों की फौज है|वहाँ आप अपने को सच्चा साबित करें|जब भ्रष्ट नहीं तो डर किस बात की|अदालत तो सरकार की कठपुतली नहीं है न|अदालत में तो बाकायदा दूध का दूध और पानी पानी होता है न|आप सभी वहाँ आवाज बुलंद कीजिए|तब हम सभी आपके पक्ष में आयेंगे|

ए तो हुई विपक्ष का भ्रष्टाचार,ईडी सीबीआई आईबी एनआईए एसआईटी जैसी जाँच एजेंसियो और अदालत जनता की बात|अब आते हैं मुद्दाविहीन विपक्ष पर|विगत में सरकार के विपक्ष में जितने गढबंधन बने,जितने आंदोलन हुए,सबके सब सफल रहे| और सरकार के पतन के कारण बने|चाहे वह जेपी आंदोलन हो, चाहे अन्ना आंदोलन| आजादी के बाद इन दो आंदोलनो से बड़े आंदोलन देश ने नहीं देखा| और उसके परिणाम भी आये| सरकार बदली, हालांकि देश नहीं बदला यह अलग बात है| लेकिन आंदोलन और गठबंधन सभी सफल हुए|अन्ना आंदोलन से जो भ्रष्टाचार की सशक्त लड़ाई हुई उसका परिणाम ए हुआ कि राजग गठबंधन मजबूती से देश में स्थापित हो गया| और संप्रग गठबंधन बिखर गया| आज भी लोग इंडी गठबंधन बनाने के प्रयास में लगे हैं| लेकिन सभी पार्टियों की जो आंतरिक महत्वाकांक्षाये हैं वो बनने नहीं दे रही|किसी के पास ढंग का मुद्दा नहीं| पर सभी सत्ता के शीर्ष फर टाँग खिचाई करते हुए पहुँचना चाह रहे हैं| आज विपक्षियों से जब पूँछा जाता है कि आप कौन से मुद्दे फर चुनाव में आ रहे हैं| तो कहते हैं मोदी को हटाना है| इसके आगे खुलकर बोल ही नहीं पाते| डरते हैं कि बोलें क्या| इंडी गठबंधन चुनाव आ गया अभी तक बन ही नहीं पाया| सब आपस में ही खींचतान में व्यस्त अलग अलग रणनीति फर काम में लगे हैं| वहीं राजग जनता के बीच में अपनी बात मजबूती से रखते हुए आगे बढ़ती जा रही है,विपक्ष को रौंदते हुए| जिसका परिणाम ये हो रहा है कि इंडी गठबंधन के जो पावरफुल नेता हैं उनसे छिटकते जा रहे हैं| जो जीतकर गठबंधन को मजबूती देते वह राजग की तरफ खिसकते जा रहे हैं| और इंडी गठबंधन अभी से ईवीएम पर दोष मढ़ना शुरू कर दिया है| इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इंडी गठबंधन अभी से अपनी हार मानकर चल रहा है| तो बताइए जनता हारे हुए को अपना कीमती मत क्यों दे| जिसे खुद पर विश्वास न हो,उसपर जनता विश्वास क्यों करे|विपक्ष अपनी कमियाँ छुपाते फिर रहा है| और मिथ्या दोषारोपण कर जेल जाने का इंतजाम खुद कर रहा है| आत्ममंथन करने की बजाय जाँच एजेंसियों  चुनाव आयोग व ईवीएम को दोषी बता रहा है| उसके सशक्त नेता उसे छोड़कर जा रहे हैं| तो उसे भ्रष्टाचारी बता रहे हैं| कह रहे हैं कि वो ईडी सीबीआई के भय से पाला बदल रहे हैं| उनको रोकने की वजाय अपने ही नेता को, जो उनको ऊपर लाने के लिए लाठी गाली सब खाया|उसी को चोर कहने में गुरेज नहीं कर रहे| आत्ममंथन करने की वजाय मिथ्या दोषारोपण कर रहे हैं| और जनता के मन में यह बात बैठा रहे हैं कि हमारी पूरी पार्टी भ्रष्टाचारी है| और हम उसी के मुखिया हैं| हमारे साथ में रहने वाले जितने नेता हैं, नेता नहीं चोर हैं| जब इस तरह का प्रचार आज के विपक्षी करेंगे तो जनता इनके ऊपर कैसे भरोसा करेगी|जनता देश को चोरों के हाँथ क्यों सौपेंगी| आज का विपक्ष अपने ही किए हुए शू शू में बिछला कर गिर रहा है, और दोष औरों पर मढ़ रहा है| वहीं राजग गठबंधन अपनी बातें जनता में मजबूती से फिट करते जा रही है| और जनता भी देख रही है कि आज देश में वह हर असम्भव काम सम्भव हो रहा है जिसे गरीब जनता कभी पाने की भी नहीं सोंचती थी| जैसे विजली,पानी,बैंक का खाता,गैस कनेक्शन, मकान, इज्जत घर, डाइरेक्ट बेनीफिट, वैक्सिनेशन, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान भारत, जैसी तमाम योजनायें जनता को मिल रही हैं| राजग ने जो कहा वो किया| बल्कि उससे भी आगे किया| जिसकी जनता ने कभी कल्पना नहीं की थी| जैसे जनधन,उज्ज्वला,तीन तलाक,किसान सम्मान निधि आदि आदि| यह राजग के संकल्प पत्र से बाहर की योजनायें हैं| जो सीधे जनता के हित में हैं| जिसका लाभ चुनाव दर चुनाव राजग को मिल रहा है| वहीं इंडी गठबंधन अभी तक जोड़ तोड़ में व्यस्त है| एक भी मुद्दा जनता के मध्य पहुँचाने में पूरी तरह विफल है| विपक्षियों के पास ऐसा नहीं है कि मुद्दा नहीं है| मुद्दा मंहगाई और रोजगार का है| पर ए उस मुद्दे को लेकर चुनाव में आ ही नहीं रहे| पता नहीं क्यों?ए बस एक ही रट लगाये हैं, मोदी को हटाना है| जब पूँछा जाता है क्यों,तो कहते हैं लोकतंत्र खतरे में है| मोदी विपक्ष को समाप्त करके तानाशाही कर रहा है| इसलिए मोदी को हटाना है| अब बताइए इस तरह से ए इंडी गठबंधन वाले चुनाव जीतेंगे|बिल्कुल नहीं| दो हजार 12 और 13  में जब अन्ना आंदोलन चला था तब भ्रष्टाचार मुद्दा उस आंदोलन में बहुत ही मुखर रहा| उसी के साथ में राजग वाले मंहगाई और बेरोजगारी का मुद्दा प्रमुखता से उठाकर सरकार की खाट खड़ी कर दिए| और आज का विपक्ष भ्रष्टाचार में फंसा है तो वो मुद्दा तो उठा ही नहीं सकता| मगर मंहगाई और रोजगार जैसे मुद्दे को भी छूना नहीं चाह रहा| जबकी ए दोनो मुद्दे जस के तस बने हुए हैं| तीसरा मुद्दा भ्रष्टाचार का है| विगत दस वर्षों में आज का विपक्ष राजग के एक भी नेता का भ्रष्टाचार उजागर नहीं कर पाया| जब खुद फंसते हैं तो कहते हैं कि राजग वाले क्या दूध के धुले हैं|उनकी जाँच सरकार क्यों नहीं करवाती| हँसी आती है कि ये नेता कैसे बन गये| आज के जितने इंडी वाले एक हुए हैं| यही एक दूसरे का भ्रष्टाचार भी उजागर किए हैं| आप वाले कांग्रेस का कांग्रेस वाले आप का| राजद वालों और सपा बसपा सबका अपने अपने बचाव में अपने ही उजागर किया है| और सबकी जाँच हो रही है तो अब यही सब राजग पर दोष मढ़ रहे हैं| अब सभी एक दूसरे को बचाने में लगे हैं| इसलिए सभी मिलकर पूरे सरकारी तंत्र को ही दोषी बता रहे हैं| इसीलिए कहना पड़ रहा है कि मुद्दाविहीन हताश हारा हुआ विपक्ष आज मैदान में है|

पं.जमदग्निपुरी


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1 टिप्पणियाँ

  1. भ्रष्टाचार जब शिष्टाचार होता हैं
    तब
    भ्रष्ट आचार भ्रष्ट विचार
    भ्रष्ट आहार भ्रष्ट विहार
    अनिवार्य हैं॥

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