नया सवेरा नेटवर्क
विगत के कुछ चुनाव पर यदि हम दृष्टिपात करते हैं तो वोट प्रतिशत हर बार घट रहा है|ऐक्सपर्ट तरह तरह की दलीलें दे रहे हैं|लेकिन यह कोई न कह रहा है न शायद मानने को तैयार है कि लोग घरों से लम्बी लम्बी कतार के भय से नहीं निकल रहे हैं|सच्चाई यही है|पोलिंग बूथों पर लम्बी कतार ऊपर से 40 से 45 डिग्री का ताप,लोगों को घरों से निकलने नहीं दे रहा है|अक्सर आम चुनाव अप्रैल और मई के महीने में ही होते हैं|इस समय में भीषण गर्मी पड़ती है|जिससे बचने का उपाय न के बराबर होता है|इसलिए लोग ये सोंचकर घर से बाहर नहीं निकलते कि कौन गर्मी में मरने के लिए जाय|हम तो भीषण गर्मी में अपनी जान दाँव पर लगाकर जिसे भी वोट देंगे वो हमारे लिए क्या करेगा|बस एक लाली पाप थमा देगा |एक कारण यह भी है,नेताओं का जनता के प्रति जवाबदार न होना|जीतने के बाद जनता के साथ नेताओं की बेरुखी भी कम वोटिंग के लिए जवाबदार है|नेताओं की आत्मरुखी भी जनता को वोट न करने के लिए उदासीन बना रही है|नेतागण चुनाव में बहुत लोक लुभावने वादे तो करते हैं|मगर पूरा बहुत ही कम करते हैं|यदि आधा भी कर दें तो जनता में वोट करने का रुझान बढ़ जाय|
बहुत सारी घटनायें जो असामाजिक तत्वों द्वारा नेताओं की शह पर पोलिंग बूथों पर होती है|वह भी एक कारण है लोगों को घर से पोलिंग बूथ तक न पहुँचने का|इसके लिए भी वोट प्रतिशत घट रहा है|लोग अपने ऊपर किसी तरह का संकट मोल लेना नहीं चाहते|इसकी रोक थाम की व्यवस्था आज तक सुचारु रूप से हो नहीं पा रही|तमाम इंतजाम व तमाम दावों के बावजूद भी बम बारी फायरिंग बलवा जैसी घटनायें आज भी देखने सुनने को मिल ही जाती हैं|ऐसा इसलिए भी हो जाता है कि जिस नेता के पक्ष में उत्पाती उत्पात करते हैं,उस पर कोई कार्यवाई का विधान ही नहीं है|बहुत होता है दो चार को पकड़कर लीपा पोती हो जाती है|उचित कार्यवाई न होना भी कम वोटिंग का परिणाम है|यदि बवाल कराने वाले नेताओं पर उचित कार्यवाई होने लगे तो परिणाम बदल जाय|और लोग निर्भय होकर पोलिंग बूथ तक जायेंगे|लोगों के अंदर से यह भय भी निकालना चुनाव आयोग की और नेताओं की जवाबदारी है|और होनी चाहिए|
यदि वोट प्रतिशत बढ़ाना है|और चुनाव पारदर्शिता लाना है तो,ऐप आधारित भी चुनाव की व्यवस्था चुनाव आयोग को करनी चाहिए|आज हर जगह डिजिटल व्यवस्था अपना परचम फहरा रही है|तो वोट के लिए भी इस व्यवस्था का उपयोग करना चाहिए|यह व्यवस्था बहुत ही उपयोगी होगी|लोगों को पोलिंग बूथ पर जाने से निजात मिलेगी|लोग खुशी खुशी अपने मोबाईल से अपना मतदान कर लेंगे|इससे सरकार व चुनाव आयोग को भी काफी राहत होगी|मतदान केंद्रों पर कतार कम होगी तो लोग खुशी खुशी मतदान केंद्र पर भी जायेंगे वोट करने|इससे मत प्रतिशत 95% आसानी से पहुँच जायेगा|आज ऐसा कोई घर नहीं है,जिसमें चार पाँच एन्ड्रायड मोबाईल न हो|बहुत सारे काम आज मोबाईल से लोग घर बैठे कर रहे हैं| तो वोट के लिए यह व्यवस्था क्यों नहीं की जा सकती|की जा सकती है|एक मोबाईल एक वोट की व्यवस्था कर दी जाय तो, लोगों को वोट करने में सहूलियत होगी|आज हर व्यवस्था आधार कार्ड से चलायमान है|ऐप भी वैसा बन सकता है|बस करने की मंशा हो जाय|यह बहुत बड़े सुधारों में से एक होगा|और यह व्यवस्था यदि भारत में लागू हो जाय तो दुनियाँ का पहला देश भारत होगा|जहाँ मोबाईल से लोग घर बैठे मतदान करेंगे|जनता लाईन लगाने से और अपना समय बर्वाद करने बचेगी|सरकार भी कई झंझटों से बचेगी और मतदान के प्रति लोगों में रुझान बढ़ेगा|रुझान बढ़ेगा तो मत प्रतिशत भी बढ़ेगा|लोग निर्भय होकर अपना मतदान कर सकेंगे|
पं.जमदग्निपुरी
Ad |
Ad |
Ad |
1 टिप्पणियाँ
सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद