नया सवेरा नेटवर्क
विश्व कैं सर दिवस पर निकली जागरूकता रैली
जौनपुर। विश्व कैंसर दिवस पर शनिवार को एक जनजागरूकता रैली को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.लक्ष्मी सिंह द्वारा हरी झन्डी दिखाकर रवाना किया गया। रैली में कुॅवर हरिवंश पैरामेडिकल कालेज के छात्र/छात्रओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। उक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत एक गोष्ठी का आयोजन सीएमओ सभागार कक्ष में किया गया। नोडल अधिकारी एनसीडी डॉ. राजीव यादव द्वारा बताया गया कि दुनिया में हर मिनट 17 लोगो की मौत कैन्सर से हो रही है। भारत में 17 से 18 लाख कैन्सर के नये केस प्रतिवर्ष आते है। लगभग 8 लाख से अधिक मरीजो की मौत कैन्सर से 2020 में हुई। उनके द्वारा बताया गया कि पुरूषों में सबसे ज्यादा फेफड़ो एवं प्रोटेस्ट कैन्सर के मरीज पाये गये। डॉ.केके पाण्डेय ने कहा कि कुछ साल पहले तक कैन्सर को लाइलाज रोग माना जाता था, लेकिन हाल के कुछ वर्षो मे कैन्सर के उपचार की दिशा में क्रान्तिकारी शोध हुये है और अब समय रहते कैन्सर की पहचान कर ली जाय तो उसका इलाज किया जाना काफी हद तक सम्भव है। कैन्सर बीमारी किसी भी उम्र मे किसी को भी हो सकती है। अत: सेहत के प्रति कभी भी लापरवाही नहीं बरते। कैन्सर कई तरह के होते है इनमें स्तन कैन्सर ,सर्वाइकल कैन्सर, पेट का कैन्सर, ब्लड कैन्सर, गले का कैन्सर, गर्भाशय का कैन्सर, अण्डाशय का कैन्सर, प्रोटेस्ट कैन्सर, लिवर कैन्सर, बोन कैन्सर, मुंह का कैन्सर और फेफड़ो का कैन्सर आदि शामिल है। अगर हम इस बीमारी के शिकार होते है तो हमे अन्दर से कभी हार नही माननी चाहिये। कैन्सर के प्रमुख कारण तम्बाकू या उससे बने उत्पाद, जैसे-सिगरेट आदि का लम्बे समय तक सेवन मुंह और फेफड़ो के कैन्सर का कारण बन सकता है, लंबे समय तक अल्केहल का सेवन यकृत कैन्सर सहित शरीर के कई अंगो में कैन्सर के खतरे को बढ़ाता है, अनुवांशिक दोष या उत्परिवर्तन भी कैन्सर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा देता है, इसमें स्तन कैन्सर का खतरा सबसे ज्यादा होता है, लंबे समय तक पराबैगनी किरणो के सम्पर्क में रहने से कैन्सर का खतरा बढ़ सकता है। कभी कभी मोटापा भी कैन्सर के खतरे को बढ़ाता है। कैन्सर के प्रमुख लक्षण त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना, शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना, त्वचा पर जल्दी निशान पड़ जाना, निगलने में कठिनाई होना, जोड़ो एवं मांसपेशियों मे दर्द रहना, थकान व कमजोरी महसूस होना एवं पेट में लगातार दर्द होना आदि है। इस अवसर पर नोडल अधिकारी एनसीडी डॉ. राजीव यादव, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.बीपी सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम सत्यव्रत त्रिपाठी एवं एनसीडी क्लीनिक अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय जौनपुर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. केके पाण्डेय द्वारा प्रतिभाग किया गया। उक्त प्रशिक्षण में एनसीडी सेल से जयप्रकाश गुप्ता, विवेक एवं कुलदीप श्रीवास्तव द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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