जौनपुर: मजदूर की मौत के बाद भी लापरवाही से कार्य जारी, प्रशासन मौन | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
मजदूर की मौत के बाद भी लापरवाही से कार्य जारी, प्रशासन मौन
पुलिस को तहरीर का इंतजार,नहीं दर्ज हुआ कार्यदायी संस्था पर मुकदमा
अधिकारी बोले शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई,मजदूर के पास सुरक्षा के हैं उपकरण
जौनपुर। नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के अहमदखां मंडी में मंगलवार को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के तहत पाइप बिछाने के लिए खुदाई के दौरान मेरठ जिले के जई नगला निवासी मजदूर रिजवान के मलबे के अंदर दबने से मौत के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कर शव को उसके पिता इस्लाम को सौंप दिया गया। इस मामले में थाने में कोई भी मुकदमा दर्ज न होना चर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब हो कि टेक्नोक्राफ्ट कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नोएडा इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और शहर के अंदर कई प्रमुख स्थानों पर मानक की अंदेखी कर खुलेआम खुदाई करने के साथ साथ मजदूरों को सुरक्षा के उपकरण बिना उपलब्ध कराये धड़ल्ले से कार्य कराना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि कंही न कंही इस कंपनी के ऊपर बड़े लोगों का संरक्षण प्राप्त है। स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में साढ़े पांच सौ करोड़ का सरकारी धन अवमुक्त हुआ है और नमामि गंगे व अमृत योजना के तहत चार वर्षों से सीवर बिछाने व खुदाई कर पाइप लाइन बिछाने का काम संस्था द्वारा किया जा रहा है जबकि इसकी समय सीमा बीत चुकी है। इसकी शिकायत मैने उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी की थी लेकिन जांच के दौरान लोग इसपर पर्दा डालने का काम समय समय पर करते चले आ रहे हैं। मजदूर रिजवान की मौत ने कई सवाल खड़े किये। हादसे के बाद कार्यदायी संस्था जल निगम के अधिकारी से लेकर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे पर अभी तक कार्यदायी संस्था के विरूद्ध मुकदमा दर्ज न होना इस बात का जीता जागता सबूत है कि मजदूर की जान की कीमत कुछ भी नहीं। इस बारे में जब मजदूर के पिता इस्लाम से पूछा गया तो वोह सदमे में थे और कुछ भी बोलने से मना कर दिया और शव को लेकर मेरठ चले गये। शहर कोतवाल मिथिलेश मिश्रा ने बताया कि इस मामले को लेकर अभी तक कोई भी तहरीर नहीं मिली है यदि कोई शिकायत करेगा तो जांचकर विधिक कार्रवाई की जायेगी। जल निगम के अधिशासी अभियंता सचिन सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों से बातचीत की गई है और नियमानुसार जो भी आर्थिक सहायता होगी उसे परिजनों को सौंपा जायेगा यदि वे मुकदमा दर्ज करना चाहते हैं तो यह उनका अधिकार है। इस बारे में हम लोग कुछ भी बोल नहीं सकते। फिलहाल कार्यदायी संस्था को कड़ी चेतावनी दी गई है कि जो भी कार्य मजदूरों से कराया जाये उसमें सुरक्षा मानक का पूरा ध्यान रखा जायेगा। पर सवाल यह उठता है कि एक परिवार का जवान मजदूरी करते हुए इस दुनिया से चला गया और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होते हुए दिखाई पड़ रही है। गौतम गुप्ता ने बताया कि इस कार्य की समय सीमा तीन बार बढ़ाई जा चुकी है। दो बार कार्यदायी संस्था पर मुकदमा भी दर्ज हुआ। तिरासी लाख रूपये जुर्माना भी लगाया गया बावजूद इसके काम करने वाली फर्म लापरवाही करती रही और अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की भ्रष्टाचार मामले में जीरो टालरेंस की नीति पर कौन अधिकारी पलीता लगा रहे हैं इसकी जांच कर कार्रवाई करने का पत्र एक बार पुन: मैं भेजूंगा।
![]() |
Advt. |
![]() |
Advt. |