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गोड़िला फाटक की रामलीला का मंचन देख दर्शक हुए भाव विभोर
शाहगंज जौनपुर। बीबीगंज चौकी क्षेत्र के गोडि़ला फाटक बाजार में श्री बजरंग नवयुवक रामलीला समिति के छठवें दिन चल रही रामलीला में सोमवार की रात को सुपर्णखा की नाक कटने, खर, दूषण वध व सीता हरण लीला का मंचन किया गया। जिसे देख दशर््ाक भावुक हो गए। रामलीला का शुभारंभ राम-लक्ष्मण और सीता माता की आरती के बाद किया गया जिसमें दिखाया गया कि राम लक्ष्मण सीता सहित वन चले जाते हैं। जब भरत को यह पता चलता है तो वह माता केकैयी के पास जाते हैं और उन्हें बुरा भला बोलते हैं। कहते हैं मुझे राज्य नहीं चाहिए मुझे भाई राम चाहिए। तब माता कैकेयी बताती हैं कि मन्थरा ने उन्हें भड़का दिया था। भरत भगवान राम को ढूंढने के लिए वन की ओर चले जाते हैं, जहाँ भगवान मिलते हैं और भरत कहते हैं कि भैया आप अयोध्या चलकर राजकाज संभाले। राम के समझाने पर भरत भगवान राम की खड़ाऊ सिर लेकर अयोध्या वापस आते हैं और राजगद्दी पर खडाऊ रखकर राजकाज में लग जाते हैं। उधर वन में सूपर्णखा राम-लक्ष्मण और सीता को देख लेती है और राम को मोहित करते हुए कहती है कि आप मुझसे विवाह कर ले। लेकिन राम उसके छल-कपट को पहचान कर अनुज लक्ष्मण के पास भेज देते हैं। लक्ष्मण के विवाह से इंकार करने पर वह क्रोधित होकर अपने असली राक्षसी रूप में प्रकट हो जाती है। राम का संकेत पाते ही लक्ष्मण उसके नाक कान काट देते हैं। नाक कटने के बाद वह खर-दूषण के पास जाती है। और सारी आपबीती बात बताती है उसके बाद खर-दूषण राम-लक्ष्मण से युद्ध करने आते हैं परन्तु दोनो ही मारे जाते हैं। इसके बाद सुपर्णखा रोते हुए रावण के पास पहुंचती है और कहती है, अरे मूढ़ मदपान कर सोता है दिन रात, शत्रु शीष पर आ गया, नहीं तुझे क्या ज्ञात। इसके बाद सुपर्णखा पूरा बात रावण को बताती है। खर-दूषण के वध के बारे में भी बताती है। तब रावण सुपर्णखा के अपमान का बदला सीता हरण करके लेने को कहता है। वह मारीच को स्वर्ण मृग बनाकर भेजता है। जब राम-लक्ष्मण उस मृग को मारने के लिए जाते हैं तब रावण साधू वेश धारण कर कपट के द्वारा सीता का हरण करके लंका ले आता है। मंचन में राम का पाठ अनुप श्रीवास्तव, लक्ष्मण का पाठ पप्पू शर्मा, सीता का पाठ शशिकांत वि·ाकर्मा, रावण का पाठ सूरज साहू, खर-दूषण का पाठ अनूप जायसवाल व सुरेश गुप्ता ने किया। इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष रोहित गुप्ता, उपाध्यक्ष अनूप जायसवाल, निर्देशक राजेश गुप्ता, दुर्गाप्रसाद गुप्ता, रामशंकर गुप्ता, संतोष गुप्ता, कालीचरण गुप्ता, पंकज गुप्ता, श्याम नारायण गुप्ता, आकाश साहू, सन्तोष भारती, अंकित गुप्ता, विपिन यादव, सत्यम गुप्ता, अमन गुप्ता, सतेंद्र चौहान, आदि लोग उपस्थित रहे।
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