मुंबई। दीपावली के छह दिन बाद मनाई जाने वाली छठ पूजा की तैयारियों में नवी मुंबई के बिहार और पूर्वांचल के प्रवासी जुटे हुए हैं। इस इलाके में करीब डेढ़ दर्जन स्थानों पर बिहारी व पूर्वांचल प्रवासियों द्वारा बड़ी धूमधाम व भक्तिभाव से छठ पूजा मनाई जाती है।
नवी मुंबई व इसके आसपास के उपनगरों में बिहारी प्रवासी हजारों की संख्या में रहते हैं। ये इस पूजा का इंतजार पूरे साल करते हैं। जिन बिहारी प्रवासियों को अपने मूल राज्य में छठ मनाना था वे पहले ही यहां से जा चुके हैं। जो यहीं रहकर छठ मनाते हैं वे अपनी तैयारी लगभग पूरी कर चुके हैं।इसके साथ ही इस बार नवी मुंबई मनपा ओर पनवेल मनपा से घाटों की सफाई कराने की मांग भी किया गया है।
भोजपुरी वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय पांडेय ने बताया कि हर साल कोपरखैराने घाट पर संस्था के माध्यम से सभी तरह से व्यवस्था किया जाता है मनपा प्रशासन को भी इस बारे मे कई बार आगाह किया गया है लेकिन ध्यान नहीं दिया जाता है। संस्था के संजय राय ने बताया कि मनपा प्रशासन को इसे गंभीरता से लेते हुए ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि इस त्योहार पर शहर भर मे हजारों की संख्या मे श्रद्धालु आते है लेकिन असुविधाओं के कारण कई परेशानी होती है।
फिर भी संस्था के माध्यम से हर संभव प्रयास किया जाता है। नवी मुंबई के जुई नगर तालाब पर पिछले कई वर्षो से बिहार मित्र मंडल के तरफ छठ पूजा का आयोजन किया जाता रहा है सूर्य देवता का यह पर्व बिहार ही तक ना सिमिति रहकर अब उत्तर प्रदेश के लोग जो मुंबई, नवी मुंबई और आस पास के शहरों में रह रहे लोगो द्वारा मनाया जा रहा है।
जुईनगर में बीते 20 वर्षों से छठ का आयोजन करने वाली संस्था बिहार मित्रमंडल के अनुज कुमार पांडेय अनुसार छठ पूजा का महात्मय सनातन धर्म के चार वेदों में से एक अथर्ववेद में विस्तृत रूप से दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उगते सूर्य को तो सभी नमन करते हैं, अथर्ववेद में वर्णित छठ पूजा ही एक ऐसा धार्मिक आयोजन है जिसमें अस्ताचल सूर्य भगवान की पूजा आराधना की जाती है।
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