नया सवेरा नेटवर्क
- 100 कलश में पूजित पीले चावल लेकर न्योता देने विहिप कार्यकर्ता अपने राज्यों में पहुंचे
निर्भय सक्सेना
अयोध्या। 7वें दीपोत्सव से पूर्व लेज़र शो से सरयू तट के समीप के भवन रात में रंगीन रोशनी से जगमग हो रहे हैं। 5 नवंबर को राम मंदिर में पूजित हुए 100 कलश में पीले चावल लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अपने अपने राज्यों में रवाना हुए थे जो अब अपने गंतव्य तक पहुंच गए। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने बताया कि देश भर के राज्यों से आए कार्यकर्ता अब तय करेंगे कि उनके राज्य के प्रत्येक जिले में कितना पूजित पीला अक्षत भेजा जाएगा। फिर जिले के कार्यकर्ता गांव, मोहल्ला व वार्ड में अक्षत वितरण कर राम मंदिर आने का न्योता देंगे। माह दिसंबर तक यह प्रक्रिया पूरी होगी।
निर्माणाधीन राम मंदिर में मकर संक्रांति के बाद 22 जनवरी 2024 तक रामलला के निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास एवम अन्य कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भी पूरी तरह निगरानी बनाए हुए है जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में अयोध्या आने निमंत्रण को स्वीकार कर चुके हैं। प्राण प्रतिष्ठा पूजन प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक शुभ मुहूर्त में होना है। अयोध्या में इस बार भी दीपावली से पूर्व भगवान राम की नगरी अयोध्या 7वें दीपोत्सव पर 11 नवंबर 2023 को मिट्टी गोबर से निर्मित दीपों की झिलमिल रोशनी से जगमग होगी जिसका इस बार भी प्रकाश सरयू में भी झिलमिल होता दिखेगा। सरयू के चिन्हित 51 घाट, मठ मंदिर में इस बार भी 11 नवंबर 2023 को लगभग 21 लाख दीप प्रज्वलित करके अपना ही पुराना गिनीज बुक का 17 लाख दीप जलाने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं। नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की 2024 में मकर संक्रांति के बाद होने वाली प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व इस बार के सरयू घाट एवम मंदिर में 7वें दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए अवध विश्वविद्यालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है। अयोध्या में राम मंदिर एवम सरयू नदी तट पर 2017 से प्रारंभ दीपोत्सव में 1.71लाख दिए प्रज्वलित हुए थे। बीते वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दीपोत्सव में शामिल हुए थे।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की मकर संक्रांति के बाद 22 जनवरी 2024 की तिथि घोषित हुई है। इसी दिन भगवान रामलला बाल रूप में संगमरमर वाले सोने जड़ित सिंहासन पर विराजेंगे। इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देशभर के साधु संतों सहित कई हजार गणमान्य लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अधिकारियों की बैठक के बाद न्याय के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर तीन चरणों में पूरा होगा और अंतिम निर्माण जनवरी 2025 तक पूर्ण होना संभावित है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और राजदूतों सहित वीआईपी स्थिति और प्रोटोकॉल धारियों वाले गणमान्य व्यक्तियों से अनुरोध किया कि वे 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में अभिषेक के दिन अयोध्या आने से बचें, क्योंकि जिला प्रशासन के अधिकारी उस दिन होने वाले बड़े कार्यक्रम व्यस्त होंगे और न्यास भी उनकी सेवा नहीं कर पाएगा। राम मंदिर निर्माण पर पांच फरवरी 2020 से 31 मार्च 2023 तक लगभग 9 सौ करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा अभी भी न्याय के बैंक खातों में हैं। न्यास अब विदेश से भी दान प्राप्त कर रहा है।
चंपत राय ने मीडिया को बताया कि सरयू तट पर बनने वाला राम कथा संग्रहालय भी एक कानूनी ट्रस्ट होगा और इसमें राम मंदिर का 500 साल का इतिहास और 50 साल के कानूनी दस्तावेज रखे जायेंगे। उनकी जमीन भी चिन्हित की जा चुकी है। राम पथ लगभग बन चुका है। अब लक्ष्मण पथ भी बनाने की प्रक्रिया पाईप लाईन में है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने जनता से अपील की है कि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सूर्यास्त के समय देशभर के नागरिकों को अपने घरों के सामने पांच दीपक जलाने चाहिए। हर राज्य के प्रत्येक जिले में पूजित पीला अक्षत भेजा गया है।
जिले के कार्यकर्ता गांव, मोहल्ला व वार्ड में अक्षत वितरण कर राम मंदिर आने का न्योता देंगे। इसके लिए 5 हजार क्षमता वाली ग्रीन टैंट सिटी भी अयोध्या में बनाई जा रही है। राम मंदिर निर्माण समिति की और से कहा गया कि राम जन्मभूमि पर आने वाले प्रत्येक आगंतुक को प्रसाद के साथ भगवान राम की तस्वीरें वितरित की जाएंगी। लक्ष्य रखा गया है कि विराजमान भगवान राम की तस्वीर दो साल के भीतर 10 करोड़ घरों तक पहुंच भी जाए।
मुख्य वास्तुकार अहमदाबाद के चंद्रकांत सोमपुरा हैं। जिन्होंने ही गुम्बद गिरने से पूर्व अपने पैर से कदम कदम चलकर पूरे परिसर की लंबाई आदि माप की थी। राजस्थान के भरतपुर के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से बनाए जा रहे 380 फिट लंबे, 250 फीट चौड़े एवम 161 फीट ऊंचे तीन मंजिल वाले भगवान राम के मंदिर के पहले चरण का काम भी लगभग पूरा हो गया है। इनमे 160 से अधिक स्तंभ लगाए जा चुके हैं। 332 मीटर लंबाई वाले एवम 4.25 मीटर चौड़े आयताकार और कोटा के चारो कोनो पर चार मंदिर भी होंगे। परकोटे की दक्षिण भुजा में हनुमान एवम उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा मंदिर होंगे। राम मंदिर के मुख्य सिंह द्वार के पास 16.5 फीट ऊंची 32 सीढ़ियां भी होंगी। मंदिर में जहां भगवान रामलला विराजमान होंगे। अष्टकोणीय गर्भगृह का काम भी लगभग पूरा होने को है। फर्श पर नक्काशी एवम रंगीन कलाकारी का काम हो रहा है । एक तरफ राम मंदिर तीव्र गति के साथ बन रहा है, तो दूसरी तरफ भगवान रामलला की बालरूप बाली अचल प्रतिमा भी अब आकार ले रही।
दिसंबर 2023 तक भगवान रामलला मंदिर के प्रथम चरण के काम के तहत मंदिर के पांचों मंडप, मंदिर में पत्थर के 160 स्तंभ बनाए गए हैं। भगवान राम के जीवन पर आधारित आकृतियां नवंबर माह तक उकेरी जानी हैं। राम मंदिर के दरवाजे के लकड़ी के फ्रेम बनाने एवम दरवाजों में नक्काशी का काम भी हैदराबाद की कंपनी कर रही है। तमिलनाडु के कन्याकुमारी के कारीगर दरवाजों में नक्काशी का काम कर रहे हैं। भूतल के सभी 18 दरवाजे स्वर्ण पत्तर जड़ित होंगे। इसके साथ यात्री सुविधा केंद्र के परिसर के अंदर बिजली की व्यवस्था पूर्ण कर ली जाएगी। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार 30 दिसंबर 2023 तक इन सभी कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। श्रीराम भक्तों के लिए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने मंदिर के द्वितीय तल के निर्माण की विहंगम फोटो मीडिया को जारी किए गए हैं। इन फोटो में प्रथम तल के ऊपर द्वितीय तल के लिए पिलर पर छत का निर्माण कार्य भी होता दिखाई दे रहा है। भगवान राम लला मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में बताया कि गर्भगृह में रामलला की भव्य मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का स्थान पूरी तरह से तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि दो मंजिल वाले राम मंदिर की पहली मंजिल की छत का काम पूरा हो चुका है। न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार संभवत 22 जनवरी 2024 में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर में भक्तों के दर्शन के साथ-साथ मंदिर का निर्माण कार्य भी चलता रहेगा और इससे किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नहीं होगी।
इस मंदिर परिसर में बन रहे पांच सूर्य, भगवान शंकर, गणपति, भगवती मां का भी तेज गति से निर्माण हो रहा है जिसने शिव मंदिर के लिए मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में बहने वाली नर्मदा नदी से प्राकृतिक शिवलिंग को लाया गया है। सोशल मीडिया पर मिली जानकारी के अनुसार राम मंदिर के पुजारियों के लिए भी प्रदेश सरकार एक नीति बनाने पर विचार कर रही है ताकि पुजारियों को भी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके। अब उनके वेतन में भी बढ़त की गई है। पुजारियों के लिए कुछ नए आवेदन भी मांगे गए हैं। मकर संक्रांति बाद जनवरी में प्राण प्रतिष्ठा बाद से प्रतिदिन 10 से 12 घंटे तक राम मंदिर खुलेगा। मंदिर परिसर में रामलला की बाल स्वरूप में 51 इंच की खड़े हुए स्वरूप में संगमरमर के स्वर्ण जड़ित सिंहासन पर मूर्ति के रामभक्त लगभग 30 से 35 फीट दूर से दर्शन प्राप्त कर सकेगे। फिलहाल तीन मूर्तियो पर काम चल रहा है।
जो अन्यत्र भी लग सकती हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से रोजाना 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के मंदिर में दर्शन करने की संभावना है। राम भक्तो की भीड़ को देखते हुए मंदिर में 4 लाइनों की व्यवस्था रहेगी। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में सभी कार्यक्रम जमीन पर ही धार्मिक परंपरागत रूप से होंगे। रामलला की बाल स्वरूप में 51 इंच की खड़े हुए स्वरूप में मूर्ति पर सूर्य की किरण रामनवमी पर उनके मस्तक पर मध्यान्ह में पड़ेगी। मंदिर परिसर में लगाई जाने वाली भव्य टी वी स्क्रीनों के जरिए भी भक्त अपने आराध्य के दर्शन पा सकेंगे। वैष्णो देवी एवम अमरनाथ की तरह ही अयोध्या के राम मंदिर में मंदिर की तरफ से ही प्रसाद मिलेगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या आए रामभक्तो को कुछ समय तक भंडारा प्रसाद की व्यवस्था भी कुछ धर्मावलम्वियो की और से अयोध्या में की जाएगी।
रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि मंदिर के अन्य भागों का निर्माण कार्य 2025 तक जारी रहेगा । इसी के साथ अयोध्या में चल रहे विकास कार्य भी पूरी तरह आकार ले लेंगे जिसमे रेलवे स्टेशन की नई फोटो जारी हुए हैं, परिक्रमा पथ, राम पथ भी खुल चुका है।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरे देश में सर्वाधिक बड़ा बनाने की तैयारी है। इस कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर में पुष्प वर्षा कराने और देश भर के शहरों में मंदिर में पूजन, कीर्तन घरों में भी पांच मिट्टी से बनाये दीप से जगमग दिए जाने की अपील की गई है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार न्यास की बैठक में निर्माण कार्यों की समीक्षा हुई।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य भी मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पर नजर रखे हुए हैं। दीपोत्सव से पूर्व लेज़र शो एवम रामलीला का भी मंचन चल रहा है। राम की पैड़ी पर अब तक का सबसे बड़ा स्क्रीन भी लगाया जाता है। पूरे मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ के जिम्मे होगी। परिसर में आधुनिक कंट्रोल रूम का भी निर्माण को भूमि पूजन हो चुका है।
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