जौनपुर: संगीतमय श्री हनुमत कथा का वर्णन सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता गण | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- ज्ञान, वैराग्य से नहीं प्रेम से प्रकट होंगे भगवान : कथावाचक: आचार्य रामचंद्र दास महाराज
- रविंद्र सिंह ज्योति के भक्तिमय देवी, पचरा, गीतों की प्रस्तुति से तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा कथा पंडाल
बिपिन सैनी
जौनपुर। शीतला चौकियां में चल रहे संगीतमय श्री हनुमत कथा के तीसरे दिन चित्रकूट धाम तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी कथावाचक आचार्य रामचंद्र दास महाराज ने सीताराम हनुमान, सीताराम हनुमान कीर्तन कहते हुए कहा की यह कीर्तन हनुमान जी को अत्यंत पसंद है क्योंकि इसमें यह भाव आता है की हनुमान जी सीताराम के हैं सीताराम जी हमारे हृदय मे है। इसी के साथ पंडाल जयकारे से गूंज उठा।
महाराज जी ने कथा प्रसंग में चौपाई से वर्णन करते हुए कहा जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाही हनुमान जी से प्रार्थना करिए की एक गुरू की भांति हम पर कृपा करें।भक्तों को सीख दी की ज्ञान, वैराग्य से नही बल्कि भगवान प्रेम से प्रकट होते हैं। परमात्मा के प्रति श्रद्धा भक्ति विश्वास प्रेम समर्पण भाव जीवन में रखना चाहिए। सुखमय जीवन के लिए जीवन में कोई विवाद न करो बल्कि हनुमान के चरणों में बैठकर श्री राम नाम का जप संकीर्तन करो।जब जीवन में कोई रास्ता न मिले तो भगवान का नाम गाओ रास्ता मंजिल अपने आप मिल जाएगा।ईश्वर की पहली भक्ति संत सत्संग।
भगवान शिव भी हनुमान की तरह ही श्री राम भक्त बनना चाहते हैं। जब समुद्र मंथन से जब हलाहल निकला तो शिव जी ने उसे धारण कर कंठ में ही रोक लिया।कंठ नीला पड़ गया।पार्वती जी ने कहा की हलाहाल कंठ में क्यों रोक लिए स्वामी,तो शिव जी ने कहा क्योंकि मेरे हृदय में तो श्रीराम हैं। मुझे भी हनुमान बनना है। इसी के साथ ही पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
जहां एक स्त्री के हरण पर हनुमान जी पूरी लंका जला दी। और जब भरी सभा में दुर्योधन ने एक स्त्री का अपमान किया तो महाभारत हो गया। कथा के अंत में भोजपुरी गायक रविंद्र सिंह ज्योति के देवी, पचरा, गीतो की भक्तिमय प्रस्तुति से कथा पंडाल में हजारों की संख्या में मौजूद भक्तजन भावविभोर हो गए मातारानी जी के पचरा गीतों हनुमान जी के भजन से कथा पंडाल भक्तिमय हो गया।भक्तों ने तालियों की गड़गड़ाहट से अपनी सहमति प्रकट किया।
कथा के दौरान प्रयागराज से पधारे अभिरामाचार्य जी महाराज, नगर के बड़े हनुमान मंदिर से राम रतन दास महाराज, जी भी उपस्थित रहे।मां शीतला कार्यसमिति अध्यक्ष व आयोजनकर्ता विनय त्रिपाठी ने आए हुए सभी लोगो का आभार प्रकट किया। समिति के कोषाध्यक्ष संजय माली, महामंत्री अनील सोनकर, अमरदेव श्रीमाली, आनंद त्रिपाठी, पप्पू त्रिपाठी, लड्डू त्रिपाठी, गुड्डू त्रिपाठी, राहुल त्रिपाठी, राधारमण तिवारी, विद्यासागर सोनकर, आदर्श उपाध्याय, बसंत श्रीमाली, विनय गिरी, अजय यादव, प्रमोद मोदनवाल, सुरेंद्र श्रीमाली समेत हजारों भक्त मौजूद रहे।