शारदीय नवरात्र: मां महागौरी स्वरूप के दर्शन के लिए उमड़े भक्तगड़ | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- भोर से देर रात तक व्रत रखने वाले भक्तो की लंबी कतारें मातारानी जी के दर्शन पूजन के लिए लगी रही
- शारदीय नवरात्र अष्टमी के पावन पर्व पर शीतला चौकियां धाम में हजारों भक्तो ने मत्था टेका
जौनपुर। शारदीय नवरात्रि के 7वें शनिवार के दिन शीतला चौकिया धाम में माँ के महागौरी स्वरूप के दर्शन करने वाले भक्तो का दिनभर ताता लगा रहा। भोर साढे चार बजे माँ कि आरती प्रारम्भ हुई। औऱ इधर भक्तगण कतार लगाकार माँ के दर्शन के लिये आरती समाप्त होने का इंतजार करते रहे।आरती हो जानें के बाद जैसे ही मंदिर पुजारी शिव कुमार पंडा, व चन्द्र देव पंडा ने मुख्य कपाट खोला। दर्शन पूजन के लिये भक्तो का हुजूम उमड़ पड़ा। आचार्यों ने बताया कि नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और कन्या पूजन किया जाता है। आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं।
मां महागौरी का रंग अत्यंत गौर वर्ण है इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था। पौराणिक कथा के अनुसार असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए दुर्गा मां ने मां कालरात्रि का रूप लिया।माँ के इस स्वरूप कि विधि पूर्वक पूजन करने से भक्तों के सभी कष्ट दुर होते है।औऱ सौभाग्य कि प्राप्ति होती है।
चौकिया धाम में दिनभर घंट,घड़ियाल की ध्वनि गुञ्जायमान होती रही।महिलाओ ने कडाहि कर माँ को हलवा,पूड़ी,नारियल,चुनरी, का चढ़ावा चढ़ाया।तत्पश्चात भक्तगण तालाब किनारे स्थित काल भैरव नाथ का दर्शन पूजन किये।मान्यता है की शक्तिपीठ का दर्शन करने के बाद काल भैरव का दर्शन करने से आराधना सम्पूर्ण मानी जाती है। नवरात्रि का दिन होने के नाते दिनभर नौनिहालों का मुंडन तथा जनेऊ संस्कार होता रहा। मन्दिर के मुख्य द्वार पर मेला सहायता केंद्र बनाया गया है जिससे भूले भटके दर्शनार्थियो की के परिजनों से कंट्रोल रूम पहुंचने पर मिलाया जा सके मेला छेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस, पीएसी बल स्काउड़ गाइड की टीम भी तैनात रही।