जौनपुर: भागवत धर्म उदारता के कारण है प्रख्यात:नारायणानंद | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
शंकराचार्य ने भागवत कथा में भक्तों को किया संबोधित
जौनपुर। जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज ने गहलाई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत धर्म अपनी उदारता के कारण अत्यंत प्रख्यात है। जिसका तात्पर्य उस धर्म से है जिसके उपास्य स्वयं भगवान हों और वासुदेव कृष्ण ही 'भगवान' शब्द वाच्य हैं। भागवत धर्म में कृष्ण ही परमोपास्य तत्व हैं जिनकी आराधना भक्ति के द्वारा सिद्ध होकर भक्तों को भगवान का सान्निध्य तथा सेवकत्व प्राप्त कराती है। उन्होंने कहा कि भागवत मत का सर्वश्रेष्ठ मान्य ग्रंथ है श्रीमद्भागवत जो अष्टादश पुराणों में अपने विषयविवेचन की प्रौढ़ता तथा काव्यमयी सरसता के कारण सबसे अधिक महत्वशाली है। शक्तियों की संपत्ति ही भगवान की भगवत्ता है। यह शक्ति एक न होकर अनेक हैं तथा अचिंतनीय है। कथा के पूर्व काशी धर्मपीठ परंपरा अनुसार महाराज का पादुका पूजन आचार्य पंडित कृष्ण कुमार दुबे एवं पंडित हिमांशु शुक्ल मुख्य यजमान बलराम मिश्रा,बालकृष्ण मिश्रा, प्रेमकांत मिश्रा,परमानन्द मिश्र,अखिलेश तिवारीअकेला,कृष्णमोहन तिवारी,विपिन तिवारी, सभापति तिवारी सहित अनेकों भक्तों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार से हुआ।