जौनपुर: सभी को भक्ति करने का है अधिकार:नारायणानंद | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
श्रीमद भगवत कथा श्रवण के लिए जुटे श्रद्धालु
जौनपुर। प्रभु ने अपनी भक्ति का अधिकार पतित से पतित को भी दे रखा है, यह प्रभु की कितनी बड़ी दयालुता है। पर हमारा दुर्भाग्य देखें कि हम प्रभु से भक्ति नहीं मांग कर अन्य सब कुछ मांग लेते हैं। प्रभु द्वारा दिया जाने वाला सबसे बड़ा दान भक्ति का ही दान है पर इस ओर हमारा ध्यान ही नहीं जाता। जीव प्रभु को अपनी किसी भी इच्छापूर्ति के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उसकी इच्छापूर्ति उसके पूर्व कर्मों के फलस्वरूप प्रभु द्वारा प्रदान फल पर निर्भर करती है। पर जीव निश्चित तौर पर प्रभु को भक्ति का दान देने के लिए बाध्य कर सकता है। भक्त ऐसा करते आए हैं क्योंकि इतिहास गवाह है कि घोर दुराचारी, पापी, डाकू और कसाई भी प्रभु के श्रेष्ठ भक्त बने। भक्त अपने सभी कर्मों का श्रेय भगवान को देते है। श्री मद्भागवत कथा की महिमा का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने बताया कि श्री मद्भागवत भगवान की वांगमयी मूर्ति है,भागवत के रूप में साक्षात भगवान हैं। इसको श्रद्धा के साथ श्रवण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्संग सुनने से मन के समस्त विकार नष्ट हो जाते हैं,उसे परमात्मा का ज्ञान हो जाता है।। परमात्मा में प्रेम हो जाता है और वह परमात्मा के बनाए हुए सिद्धांतों का अनुसरण करने लगता है जिससे उससे जीवन की ज्योति सदा प्रकाशित रहती है। कथा के पूर्व महाराज श्री का पादुका पूजन-मुख्य यजमान बलराम मिश्रा,बालकृष्ण मिश्रा, अखिलेश तिवारी 'अकेला', मनबोध तिवारी,परमानंद मिश्रा,वेद प्रकाश,अंकित तिवारी, विपिन तिवारी, अनुज तिवारी, सभापति तिवारी, रामलखन पाल, उमाशंकर तिवारी एवं अनेकों भक्तों द्वारा सम्पन्न हुआ।
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