जौनपुर: धूमधाम से हुआ सीता स्वयंवर, लगे जयकारे | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
कबूलपुर में श्रीराम विवाह प्रसंग का हुआ मंचन
परशुराम-लक्ष्मण का संवाद सुन गदगद हुए लोग
सिरकोनी जौनपुर। श्री दया नारायण लीला समिति के तत्वावधान में कबूलपुर बाजार में चल रही रामलीला में रविवार की रात कलाकारों ने धनुष यज्ञ, राम विवाह परशुराम-लक्ष्मण संवाद प्रसंग का मंचन किया। श्रीराम चरित मानस के इस भावपूर्ण प्रसंग में प्रभु श्रीराम के धनुष तोड़ने पर जनकनंदिनी सीता राम के गले में वरमाला डालकर उनका वरण करती हैं। इस आनंदोत्सव के समय दशर््ाकों ने राम और सीता पर फूलों की वर्षा करते हुए जय सियाराम के जयकारे लगाए। माता सीता के स्वयंवर में देश-विदेश के राजा, महाराजा, राजकुमार व योद्धा शामिल हुए। सभी ने शिव धनुष को उठाने की कोशिश की। उठाना तो दूर, वे इसे हिला तक नहीं सके। अंत में महर्षि वि·ाामित्र की आज्ञा से राम उठे और धनुष को उठा कर ज्यों ही प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की। धनुष पलभर में ही टूट गया। धनुष टूटने व श्रीराम के गले में सीता के वरमाला डालते ही देवताओं ने पुष्पों की वर्षा की। इसी बीच शिव धनुष के टूटने के संकेत से परशुराम अत्यंत क्रोधित हो गए और वह राजदरबार पहुंच गए। परशुराम व लक्ष्मण के बीच हुए तीखे संवाद का भी रामलीला प्रेमियों ने खूब आनंद लिया। अंत में राम की विनम्रता के आगे परशुराम नतमस्तक हो गए। डॉक्टर लाल बहादुर सिद्धार्थ ने भगवान राम की आरती उतारने के बाद कहा कि प्रभु राम का जीवन अनुकरणीय था। हम लोगों को भगवान राम के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।