नया सवेरा नेटवर्क
"हम से है हिंदी का विकास"
रमेश चंद्र सोनी
असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी, राज कॉलेज
जौनपुर 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि 14 सितंबर 1949 को हिंदी को संवैधानिक रूप से राजभाषा का दर्जा दिया गया था। 1953 ई. से हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को निरंतर मनाया जा रहा है। आज के दिन हिंदी के महत्व को याद तथा अपनी मातृभाषा होने के कारण हिंदी भाषा पर गर्व किया जाता है। आज पूरे देश में हिंदी भाषा लगभग 65 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है तथा 90 करोड़ लोगों द्वारा समझी जाती है। आज पूरे विश्व में चीन की भाषा मंदारिन और अंग्रेजी के बाद हिंदी तीसरी भाषा बन गई है जिसे बोलने वाले सबसे अधिक है।
इसके बावजूद भी हम हिंदी का प्रयोग करने में संकोच करते हैं हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व और उसका महत्व केवल 14 सितंबर को ही होता है। बाकी मैकाले की शिक्षा प्रणाली अंग्रेजी के गुलाम हम आज भी हैं। आज हर कोई बच्चा अंग्रेजी माध्यम से स्कूल में पढ़ना चाहता है क्योंकि उसे पता है अंग्रेजी रोजगार की भाषा है, हिंदी नहीं। हिंदी राजनीति का शिकार हो गई है राजनेता हिंदी में जनता से वोट मांगते हैं और संसद में अंग्रेजी बोलने लगते हैं। प्रत्येक देश की अपनी एक राष्ट्रभाषा है जो उसे देश के सम्मान अभियान का प्रतीक है परंतु भारत की अपनी कोई ऐसी भाषा है ही नहीं जिसे राष्ट्रभाषा की संज्ञा देकर उसका सम्मान करें। संविधान 1950 ईस्वी में लागू होता है उस समय अंग्रेजी का बोलबाला था सरकारी कामकाज अंग्रेजी में ही हो रहे थे,हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात हुई तो कहा गया की 15 वर्षों तक सरकारी कामकाज अंग्रेजी में होता रहेगा उसके बाद धीरे-धीरे हिंदी में प्रारंभ हो जाएगा,परंतु आज तक ऐसा हो नहीं पाया हिंदी सिर्फ संपर्क भाषा बनकर रह गई है।
14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है और हिंदी को महत्व देने के लिए 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस। 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस घोषित किया क्योंकि 10 जनवरी 1975 को पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में हुआ था। आज हिंदी को हमारी जरूरत है हिंदी के महत्व को समझे हिंदी का इस्तेमाल करने के लिए कोई संकोच नहीं होना चाहिए। हिंदी का कद बढ़ रहा है, वर्तमान में 150 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है। इस समय संपूर्ण विश्व में बहुभाषिकता को बढ़ावा मिल रहा है। परिणाम हिंदी विश्व में 65 करोड़ लोगों की पहली भाषा और 50 करोड़ लोगों की दूसरी और तीसरी भाषा है। हिंदी भारत के अलावा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, थाईलैंड, फिजी, मॉरीशस, सूरीनाम, गयाना इत्यादि वैश्विक देश में बोली जाती है। इस तरह संपूर्ण विश्व में 135 करोड़ लोग हिंदी बोल और समझ लेते हैं। आज हिंदी डिजिटल विश्व में सबसे तीव्र गति से बढ़ाने वाली भाषा बन गई है। फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर, इंस्टाग्राम, इंटरनेट आदि पर हिंदी ज्यादा लोकप्रिय हो रही है। इसका एकमात्र कारण है- अभिव्यक्ति की सरलता।
इस प्रकार हिंदी को याद, हिंदी पर गर्व केवल 14 सितंबर और 10 जनवरी को ही नहीं करें बल्कि हिंदी को हमेशा सम्मान दें ,हमारी भाषा ही हमारी पहचान है क्योंकि हम एक दूसरे के लिए हैं, भाषा के बिना हम और हमारे बिना भाषा कुछ भी नहीं है।
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