नया सवेरा नेटवर्क
अधिनियम को यथावत रखने संबंधी मांग पत्र सीएम को भेजा गया
शिक्षकों की मांग की अंदेखी पर संगंठन आंदोलन को मजबूर
जौनपुर। प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए नए शिक्षा सेवा चयन आयोग, जिसको प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा, अल्पसंख्यक से लेकर व्यवसायिक शिक्षकों तक के चयन की जिम्मेदारी के साथ-टीईटी परीक्षा कराने का भी दायित्व सौंपते हुए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयनबोर्ड और उसके अधिनियमों को समाप्त कर दिए जाने के विरोध में सोमवार को जनपद के सभी माध्यमिक विद्यालयों में सेवारत संगठन द्वारा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयनबोर्ड और अधिनियम को यथावत बनाए रखने सम्बन्धी मांग-पत्र मुख्यमंत्री को डाक द्वारा प्रेषित किया गया गया।
इस कड़ी में उप्रमाशि संघ सेवारत के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह के नेतृत्व में ग्रामोदय इन्टर कालेज गौराबादशाहपुर, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह के नेतृत्व में नेहरू इन्टर कालेज कुंवरदा, मंडल अध्यक्ष सरोज कुमार सिंह के नेतृत्व में श्री गणेश राय इन्टर कालेज डोभी, जिलाध्यक्ष तेरस यादव के नेतृत्व में नगरपालिका इन्टर कालेज जौनपुर, कार्यवाहक अध्यक्ष अतुल कुमार सिंह के नेतृत्व में आदशर््ा इन्टर कालेज शम्भूगंज, जिला मंत्री ठाकुर प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में इन्टर कालेज ईसापुर, उपाध्यक्ष राजेश सिंह के नेतृत्व में सहकारी इन्टर कालेज मिंहरावा, जनक कुमारी इन्टर कालेज, टीडी इन्टर कालेज, शिया कालेज, मोहम्मइ हसन इन्टर कालेज, राज कालेज, सरस्वती इन्टर कालेज सहित सैकडों विद्यालयों से मांगपत्र भेजा गया। स्मरणीय है कि पूरे प्रदेश के माध्यमिक शिक्षक और प्रधानाचार्य चयनबोर्ड और चयनबोर्ड अधिनियम की धारा 12,18 व 21 को समाप्त कर दिए जाने को लेकर आक्रोशित हैं। चयनबोर्ड अधिनियम की धारा 12 सहायक अध्यापकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नित के अवसर देती है तो वहीं धारा 18 कार्यवाहक प्रधानाचार्य को चयनबोर्ड से चयनित प्रधानाचार्य के आने तक प्रधानाचार्य पद का वेतनमान देने की व्यवस्था करती है। धारा 21 शिक्षकों की सेवा सुरक्षा से सम्बन्धित है जिसमें यह उल्लिखित है कि चयनबोर्ड के पूर्वानुमोदन के बगैर किसी शिक्षक के विरूद्ध विद्यालय प्रबन्धन कोई भी दंडात्मक कार्यवाही नहीं कर सकता है। उप्रमाशि संघ सेवारत के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ने अवगत कराया है कि यदि पूरे प्रदेश के शिक्षकों की आवाज अनसुनी करने का दु:साहस प्रदेश सरकार करती है और चयनबोर्ड अधिनियम की धारा 12,18 एवं 21 को यथाशीघ्र शामिल नहीं किया जाता है तो सेवारत संगठन सड़कों पर आर-पार की लड़ाई के लिए विवश होगा, जिसके लिए प्रदेश सरकार उत्तरदायी होगी।
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