नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। वर्तमान प्रदेश सरकार नए शिक्षा सेवा आयोग के माध्यम से न केवल नौजवानों के लिए नौकरियों के अवसर सीमित करते हुए उनका भविष्य चौपट करने पर तुली हुई है बल्कि कार्यरत शिक्षकों की भी पदोन्नित बाधित करने के साथ-साथ उनकी सेवा शर्तो व सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए उन्हें प्रबन्धकों के हाथ शोषण के लिए सौंप रही है।
उक्त बातें कहते हुए उप्रमाशि संघ सेवारत के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ने अवगत कराया है कि संगठन की प्रदेशीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि विधानमंडल से पारित हो चुके न ए शिक्षा सेवा आयोग तब तक संगठन स्वीकार नहीं कर सकेगा जब तक कि इसमें चयनबोर्ड अधिनियम की धारा 21,18 व 12 को शामिल नहीं कर लिया जाता है।
वैसे तो संगठन की यह मांग है कि माध्यमिक शिक्षकों के लिए मा.शि.सेवा चयनबोर्ड के अस्तित्व और उसकी व्यवस्थाओं को यथावत रखा जाय लेकिन अगर सरकार अपने तुगलकी प्रयोग को परवान चढ़ाना ही चाहती है तो कम से कम चयनबोर्ड अधिनियम की धारा 21,18 व 12 का समावेश तो उसे नए आयोग की व्यवस्थाओं में करना ही होगाइसके लिए कल 4 सितम्बर को सेवारत संगठन द्वारा प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों द्वारा एक मांगपत्र शिक्षकों से हस्ताक्षर कराते हुए स्पीड पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित किया जाएगा।यदि इसके बाद भी शिक्षक हित में चयनबोर्ड अधिनियम की उक्त धाराओं को नहीं जोड़ा जाता है तो संगठन आगे निर्णायक संघर्ष के लिए सड़को पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेगा।
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