नया सवेरा नेटवर्क
पानदरीबा व मीरमस्त मुहल्ले में निकला जुलूस
जौनपुर। नगर में 17 सफर का कदीमी जुलूस सोमवार को निकाला गया। देर शाम मोहल्ला मीरमस्त में नजीर हसन मंजिल में 17 सफर का कदीम जुलूस निकाला गया। जुलूस नवाब युसूफ रोड, उर्दू बाजार होते हुए कंचन बीबी के इमाम बारगाह में समाप्त हुआ। इससे पूर्व मजलिस का आगाज सैय्यद गौहर अली ज़ैदी ने सोजख्वानी से किया। पेशखानी मेंहदी मिर्जापुरी, हसन फतेहपुरी ने किया। संचालन बिलाल हसनैन ने किया। दिल्ली से आये जाकिरे अहलेबैत डॉ.कल्बे रज़ा ने मजलिस को खेताब करते हुए कहा कि करबला में इमाम हुसैन के छोटे भाई हजरत अब्बास ने अपनी भतीजी जनाबे सकीना की प्यास बुझाने के लिए नहरे फरात पर कब्जा कर भतीजी को पानी पिलाने के लिए रवाना हुए यजीदी फौजो ने उन्हें घेर कर शहीद कर दिया। पूरी दुनिया में हजरत अब्बास जैसा भाई कोई पैदा नहीं हुआ। जुलूस में अंजुमन हुसैनियां, कौसरिया, सज्जादिया, जाफिरया, जाफरी, हैदरी, शम्मे हुसैनी नौहा मातम करती हुई जुलूस को लेकर मीरमस्त, नवाबयूसुफ रोड होते हुए इमाम बारगाह कंचन बीबी पहुंची। यहां भी एक तकरीर हुई, जिसके बाद शबीहे तुरबत को अलम मुबारक से मिलाया गया। इस मौके पर ताबिश, मीसम अली, अजमी मेंहदी, डॉ. इंतेजार मेहदी, पूर्व सभासद शाहिद मेंहदी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। वहीं हुसैनिया मीरघर पानदरीबा में दोपहर मजलिस हुई जिसमें मौलाना सैयद सफदर हुसैन जैदी ने कर्बला के शहीदों की दास्तां बयां की। पेशखानी शाहिद व नकी जौनपुरी ने किया। जिसके बाद 72 ताबूत का जुलूस निकाला गया जिसकी तकरीर कैसर जौनपुरी ने एक एक कर्बला के शहीदों की दास्तां सुनाई। इस दौरान हजारों की संख्या में अजादार मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर चौकी इंचार्ज आफताब आलम सहित अन्य लोग मौजूद रहे। संयोजक सोगवारे शोहदाए कर्बला कमेटी मीरघर ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
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