जौनपुर: जायज कामों के लिए भी मुंह मांगी रकम चुकानी पड़ती है:वकार | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
हिंदुस्तान मानवाधिकार के महासचिव ने राष्ट्रपति व राज्यपाल को लिखा पत्र
जौनपुर। सरकारी संस्थानों व नौकर शाही में व्याप्त भ्रष्टाचार और कदम कदम पर रि·ात खोरी के चलन से आहत हो कर हिंदुस्तान मानवाधिकार के उत्तर प्रदेश प्रभारी व महासचिव वकार हुसैन ने राष्ट्रपति,राज्य पाल,राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर इन पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई है। श्री हुसैन ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में माफियाओं पर अंकुश लगाने की जो भी बातें की जा रही हों, परन्तु सच यह है कि आज भी नौकर शाही में बैठे अफसर माफियाओं से त्रस्त नजर आते हैं। श्री हुसैन ने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि लोगो को अपने जायज़ और मूल भूत अधिकारों के लिए भी मुंह मांगी रकम चुकाने को बाध्य होना पड़ता है। विकास खंड से विकास भवन और विकास के शीर्ष कार्यालय तक भ्रष्टाचार,लूट और विकास की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नि:संदेह लूट तंत्र का शक्तिशाली तंत्र लोक तंत्र की जड़ों को खोखला कर रहा है नियम कानून और नैतिकता का गला घोंटा जा रहा है ,गढ्ढों का पानी नालों से होता हुआ नदी तक पहुंचने के सबब ही अक्सर पीड़तों की शिकायतें रद्दी की टोकरी में या थोड़ी सी औपचारिकता दिखा कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है,या ह्यासमेंट के उद्देश्य से साक्ष्य सुबूत के नाम पर शिकायत कर्ता को इतना दौड़ाया जाता है कि आखिर थक कर वह तौबा कर बैठता है,या दबंग आरोपी के खौफ से वह शिकायत से ही मुकर जाता है। श्री वकार के अनुसार केवल चकबंदी विभाग का सच मानवता को शर्मसार कर देने वाला है,जहां गरीब,कर्ज में डूबे,परेशान हाल किसानों से भी विभिन्न हथकंडे के सहारे मुंह मांगी रकम देने को बाध्य कर दिया जाता है। एआरटीओ दफ्तर में बैठे नौकरशाह माफिया वाहनों के कागजात के नाम पर लूट की दुकान चला रहे हैं। डीएल बनाने के नाम पर एक हजार के स्थान पर पांच से छह हजार रूपये तक वसूले जा रहे हैं,और यदि किसी ने कभी नियम कानून की बात कर दी तो उसे नियम कानून की ही जंजीरों में बांध कर दौड़ा कर थका दिया जाता है। पुलिस, जो आज भी आम लोगों के लिए खौफ और दहशत का पर्याय बनी हुई है, सुरक्षा और सहायता के नाम पर लोगो को थप्पड़,गालियां,लाठियां,और एनकाउंटर। इनके टार्चर की असहनीय पीड़ा के चलते कितने ही लोग पुलिस कस्टडी में ही दम तोड़ देते हैं कितने ही निर्दोष लोग पुलिस की भ्रष्ट कार्य शैलीके सबब जेल की सजा काट रहे है। नियम कानून की रक्षा इस तरह करते है कि दिन रात सच को झूठ, और झूठ को सच गढ़ने में और अवैध धन उगाही व्यस्था में व्यस्त नजर आते हैं। अवैध धन उगाही की लिस्ट वायरल होने के बावजूद क्या किसी ने चिन्ता व्यक्त की, कि थानों में हर माह लाखों रु पए अवैध कहां से आ रहे हैं। तो ऐसे में इन से न्याय, नैतिकता और मानवता की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। श्री हुसैन ने राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि से गुहार लगाई है कि नौकरशाह की कुर्सियों पर बैठे माफियाओं से लोगों को मुक्ति दिलाई जाये।