जौनपुर: टीडीपीजी कॉलेज पूर्वांचल में रखता है अपनी अलग पहचान | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
महाविद्यालय में 22 जुलाई तक मनाया जायेगा भू-जल सप्ताह
जौनपुर। नगर स्थित तिलकधारी महाविद्यालय पूर्वांचल के शिक्षा क्षेत्र में एक अग्रणी शैक्षणिक संस्थान के रुप अपनी पहचान रखता है। ''भूजल सप्ताह"" के अंतर्गत 17 से 22 जुलाई तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कॉलेज परिसर में सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य भूजल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और छात्रों और स्थानीय समुदाय के बीच टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना है। भूजल संरक्षण के आयोजन के मुख्य विचार बिंदु ''यह संकल्प निभाना है- हर एक बूंद बचाना है'' को ध्यान में रखते हुए संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता प्रोफेसर अजय दुबे (विभागाध्यक्ष, शिक्षक शिक्षा संकाय ) ने भूजल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जल, एक बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन, कृषि, उद्योग और दैनिक घरेलू जरूरतों सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भूजल की कमी को लेकर बढ़ती चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, प्रोफेसर रीता सिंह ने ''हमारी जीवन रेखा का संरक्षण'' थीम पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भूजल सप्ताह आयोजित करने की पहल की। कार्यक्रम में डॉ. गीता सिंह ने आरो के जल को पेड़- पौधे में सींचने के रूप में उपयोग करने पर बल दिया। कार्यक्रम की संयोजक प्रोफेसर श्रद्धा सिंह ने छात्रों, संकाय सदस्यों, विशेषज्ञों और समुदाय के सदस्यों की उत्साहपूर्ण भागीदारी पर बल देते हुए समरसेबल के जल संरक्षण पर बल दिया। इस अवसर पर डॉ माया सिंह ने कार्यक्रम में कवर किए जाने वाले विषयों- भूजल प्रबंधन तकनीकों को समझना, कृषि स्थिरता के लिए कुशल सिंचाई पद्धतियाँ, वर्षा जल संचयन और पुनर्भरण के तरीके, भूजल प्रदूषण और निवारण रणनीतियाँ, भूजल संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका आदि पर चर्चा की।रेंजर्स प्रभारी डॉ अफशा तरन्नुम जी ने आयोजित भूजल सप्ताह के अवसर पर छात्रों और उपस्थित लोगों को जल संरक्षण के क्षेत्र में विचारों, अंतर्दृष्टि और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक आदशर््ा मंच प्रदान करने पर बल दिया। संचालन डॉक्टर माया सिंह ने किया एवं अतिथियों का आभार ज्ञापन प्रोफेसर श्रद्धा ने किया।
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