शिक्षा प्रगति का प्रवेश द्वार, सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए: राष्ट्रपति| #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)। राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मू ने बुधवार को जोर देकर कहा कि शिक्षा प्रगति का द्वार है और हर किसी को सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। श्रीमती मुर्मू यहां गोंडवाना विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रगति का द्वार है और सभी का कड़ी मेहनत से सफलता प्राप्त करने का लक्ष्य होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आदिवासियों का प्रकृति के साथ पुराना रिश्ता है। उन्होंने प्रकृति को अपनाकर जीने की कला प्राप्त की और अपनी संस्कृति और परंपरा को संरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि गोंडवाना विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आदिवासी लड़के और लड़कियां शिक्षा की धारा में आ रहे है। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि गोंडवाना विश्वविद्यालय ने समावेशी, लागत प्रभावी और मूल्यवान शिक्षा प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि गोंडवाना विश्वविद्यालय ज्ञान, तर्कसंगत दृष्टिकोण, पेशेवर कौशल और नैतिक मूल्यों के माध्यम से छात्रों को सशक्त बना रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने एक समान शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण, बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने और स्थायी आजीविका के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इस तरह की शैक्षिक पहल छात्रों को क्षेत्र और देश के सतत विकास में योगदान देने के लिए तैयार करेगी। राष्ट्रपति ने आदिवासी समुदायों और पिछड़े वर्गों के युवाओं को शिक्षा के माध्यम से नए अवसर प्रदान करने के लिए गोंडवाना विश्वविद्यालय की सराहना की। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, आदिवासी विकास मंत्री डॉ. विजयकुमार गावित, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर, कुलपति डॉ. प्रशांत बोकारे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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