मैं अंत तक चलता रहूंगा| #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
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पढ़ सके जो भाव मन का हां उसे अपना कहूंगा ,
मैं किसी की क्यों सुनू जो है उचित कहता रहूंगा।।
ध्येय पथ पर बन अडिग मैं अंत तक चलता रहूंगा,
कर सकूं साकार सपने नित खोज मैं करता रहूंगा।।
दुख दर्द सारे मैं समेटे इस जहां में हंसता रहूंगा,
कर सकूं हर काम हितकर मैं उसे करता रहूंगा।।
है भरोसा आज या कल उस शिखर पर मैं चढूंगा,
जिंदगी यदि है चुनौती स्वीकार कर चलता रहूंगा।।
कर्तव्य पथ पर नित्य मैं सौहार्द से बढ़ता रहूंगा,
है प्रतिज्ञा भाव मन के साकार मैं करके रहूंगा।।
हो कठिन जो काम जग में मैं उसे करता रहूंगा,
ये राह जाती है जहां तक निर्भीक मैं चलता रहूंगा ।।
युवा साहित्यकार:- आशीष मिश्र उर्वर
कादीपुर सुल्तानपुर