जौनपुर: सभी ईदों से अफजल है ईदे गदीर:मोहम्मद रज़ा खान | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
शिया समुदाय ने काटे केक, किया आमाल, मनाई खुशियां
जौनपुर। ईदे गदीर ईदउल फितर व ईदुल अजहा से भी बड़ी ईद है। मुसलमानों को इस अवसर पर गरीबों को भोजन कराने के साथ नये वस्त्र धारण कर अधिक से अधिक खुशिया मनानी चाहिए क्योंकि आज का दिन वोह दिन है जिस दिन इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद स.अ. ने अपने उत्तराधिकारी का एलान किया था। उक्त बातें मौलाना मोहम्मद रज़ा ने शुक्रवार को नगर के किला स्थित मेंहदी पैलेस में लोगों क ो खेताब करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब को इस बात का अंदेशा था कि उनके बाद लोग मनमानी कर सकते हैं और हर रसूल की जिम्मेदारी भी होती है कि वह अपने बाद होने वाले अपने उत्तराधिकारी को पहले ही घोषित करे। इसीलिए मोहम्मद साहब ने भी आखिरी हज से लौटते समय ईदउल अजहा की 18 तारीख को अरब देश के एक विशाल मैदान जिसे मैदाने खुम के नाम से जाना जाता है में सभी हाजियों जिनकी तादात लगभग एक लाख पच्चीस हजार बताई जाती है को रोक कर ऊटों के कजावों का मिम्मबर बनवाया और इस मिम्मबर की ऊंचाई इतनी रखी कि आखिरी व्यक्ति तक मिम्मबर पर खड़े होने वाले को देख सके। इसी मिम्बर पर मोहम्मद साहब ने खड़े होकर हजरत अली को अपने पास बुलाया और मन कुन्तुममौला हो फ हाजा अलीयुन मौला अर्थात जिस जिस का मैं मौला हूं उस उस के अली मौला होगें। जिसका एकरार वहां मौजूद सभी हाजियों ने बक्खिनलका या रसूल अल्लाह अर्थात ऐ मोहम्मद साहब हमें यह स्वीकार कहकर एकरार किया। इसलिए इस दिन को ईदे गदीर के नाम से पुकारा गया और आज भी उसी के नाम से जाना भी जाता है। कहा कि यह दिन अर्थात ईदे गदीर ईदुल अजहा और ईदुल फितर से भी बड़ी ईद है। तमाम मुसलमानों व अली के चाहने वालों को चाहिए कि इस दिन जितना हो सके खुशियां मनाएं नये वस्त्र धारण करें गरीबों को खाना खिलाने के साथ उनकी मदद भी करें। साथ ही फातेहा खानी करें और लोगों में मिठार्इंया बांटे। नगर के पानदरीबा इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में भी कार्यक्रम आयोजित कर लोगों ने ईदे गदीर का पर्व धूमधाम से मनाया। इस दौरान युवाओं ने केक काटा तो शायरे अहलेबैत ने महफिल सजाकर खुशियां मनार्इं।