वैश्विक शांति सूचकांक 2023 का 17 वां संस्करण जारी | #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

  • ग्लोबल पीस इंडेक्स (जीपीआई) चिन्हित देशों में शांति के स्तर का आंकलन करता है - उच्च स्तर जीपीआई हिंसा के उच्च स्तर का प्रतिनिधित्व करता है 
  • विश्व भर के 163 देशों में शामिल भारत को शांति रैंकिंग में 126 वां स्थान आना चिंतनीय - एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया 

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर यह सर्वविदित है कि भारत आदि अनादि काल से भाव भक्ति, आध्यात्मिकता संस्कृति और शांति का मुख्य परिचायक रहा है, जहां हजारों लाखों भाषाओं बोलियों का संगम रहकर विविधता में एकता का दुनियां में उदाहरण प्रस्तुत किया है। भारत को वैश्विक स्तर पर शांति का प्रतीक सम्माननीय देश माना जाता है जिसे हम शांतिदूत की संज्ञा भी दे सकते हैं। 12 माह से अधिक समय से चले आ रहे यूक्रेन-रूस युद्ध में भी भारत को शांति दूत के रूप में मध्यस्थता करने के लिए अनऔपचारिकता से एप्रोच किया जाता है। परंतु इन सभी गाथाओं में भारत को शांति का प्रतीक माना जाना चाहिए और मेरा मानना है कि जीपीआई इंडेक्स में भारत का नाम टॉप टेन में देखने को हम पसंद करेंगे परंतु बड़े चिंता की बात है कि 163 देशों के समूह में भारत को 126 वां स्थान मिला है जो अति चिंतनीय का विषय है। याने इस सूचकांक ने भारत के नंबर पर हम अचंभित हैं और सोचने को मजबूर हो जाए हो गए हैं कि यह हकीकत है या फिर त्रुटि का परिणाम क्योंकि हम देख रहे हैं के करीब करीब एक दशक सेअधिक समय से आपराधिक स्थितियों को की भी संख्या घटी है। अब तो हिंसा का ग्राफ नीचे गिर रहा है क्योंकि बुलडोजर नीति, संपत्ति कुर्क नीति और उन से भी बढ़कर 8 जुलाई 2023 को उत्तराखंड मंत्रिमंडल में पारित शासकीय जमीन के अतिक्रमण के दोषियों को 10 वर्ष की सजा का विधेयक पारित किया गया है जिससे यह क्लियर संदेश जाएगा कि अपराधियों के दिल में डर होगा जिससे हिंसा को बढ़ावा नहीं मिलेगा। हालांकि सूचकांक बनाने वाली रेटिंग एजेंसी ने भी मानदंडों को ध्यान में रखते हुए यह सूचकांक बनाया होगा जिसे नकारा नहीं जा सकता। चूंकि जीपीआई में 163 देशों में भारत को 126 स्थान मिलना चिंतनीय है, जिसपर हाई लेवल पर संज्ञान लेकर वैश्विक जनता के सामने सच्चाई रखने की ओर कदम बढ़ाकर हमें सच्चाई बतानी होगी। हालांकि इस तरह के कई इंडेक्स में भारत की उसकी क्षमता से कम आंकलन दिखाया जाता है जिसके बारे में सरकार को जनता के माध्यम से बताने की ओर जन जागरण अभियान चलाने की जरूरत है, इस प्रकार के अनेक सूचकांकों में उनके मानदंडों पर विशेष ध्यान देकर रणनीति बनाने की आवश्यकता है ताकि हम हर सूचकांक में टॉप 10 की स्थिति में आ जाएं। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे विश्व के 163 देशों में शामिल भारत की शांति रैंकिंग में 126 वां स्थान आना चिंतनीय विषय है। 

साथियों बात अगर हम जीपीआई के 163 देशों में से भारत के 126 वें स्थान पर चिंता की करें तो हालांकि पिछले वर्ष के मुकाबले भारत को फायदा हुआ है, पिछले वर्ष भारत को 135वां स्थान प्राप्त हुआ था जिस घटकर 126 हो गया है। इस वर्ष भारत को 2.314 स्कोर प्राप्त हुआ। भारत के पड़ोसी देशों में भूटान को दुनिया भर में 17वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा पाकिस्तान को 146 वां, बांग्लादेश को 88 वां, नेपाल को 79, मालदीव को 23 एवं श्रीलंका को 107 वां स्थान प्राप्त हुआ है। इन साथ ही म्यांमार को 145 वां और चीन को 80 वां स्थान प्रदान किया गया है।163 वां स्थान: अफगानिस्तान, 162वां स्थान: यमन 161वां स्थान: सीरिया 160वां स्थान: दक्षिण सूडान 159वां स्थान: डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो 158वां स्थान: रूस 157वां स्थान: यूक्रेन 156वां स्थान: सोमालिया 155वां स्थान: सूडान 154 वां स्थान: ईराक। दुनिया के शीर्ष-10 शांत देशों की लिस्ट, पहला स्थान: आइसलैंड दूसरा स्थान: डेनमार्क तीसरा स्थान: आयरलैंड चौथा स्थान: न्यूजीलैंड पांचवां स्थान: ऑस्ट्रिया छठा स्थान: सिंगापुर सातवां स्थान: पुर्तगाल आठवां स्थान: स्लोवेनिया नौवां स्थान: जापान दसवां स्थान: स्विट्जरलैंड आया है।

साथियों बात अगर हम इस, इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) की करें तो प्रतिवर्ष ग्लोबल पीसइंडेक्स रैंकिंग जारी की जाती है। आईईपी की ओर से हाल ही में 'ग्लोबल पीस इंडेक्स 2023' जारी किया गया है। इस लिस्ट में विश्वभर के कुल 163 देशों को शामिल किया गया। इस लिस्ट में सबसे शांत देश के रूप में आइसलैंड ने अपनी जगह बनाई है। विश्व शांति सूचकांक में आइलैंड लगातार वर्ष 2008 से पहले पायदान पर बना हुआ है। इसके अलावा विश्व के सबसे अशांत देश के रूप में अफगानिस्तान को रखा गया है। अफगानिस्तान को लगातार पांचवीं बार विश्व शांति सूचकांक में अंतिम स्थान प्राप्त हुआ है। दुनिया के टॉप-10 शांत एवं टॉप-10 अशांत देशों की सूची में किसने जगह बनाई है। इससे पता चलता है कि सुधारों की तुलना में गिरावट बड़ी थी, क्योंकि कोविड के बाद नागरिक अशांति और राजनीतिक अस्थिरता में वृद्धि हुई है, जबकि क्षेत्रीय और वैश्विक संघर्ष तेज हो गए हैं। यह लेख रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों पर प्रकाश डालता है।अंतर्राष्ट्रीय थिंक-टैंक, आईईपी भारत 2022 से नौ पायदान चढ़कर 126वें स्थान पर है। ग्लोबल पीस इंडेक्स (जीपीआई) किसी देश में शांति के स्तर का आकलन करने के लिए हिंसा की अनुपस्थिति या हिंसा के डर की मात्रा निर्धारित करता है। हिंसा की इस कमी को नकारात्मक शांति के रूप में परिभाषित किया गया है। एक उच्च जीपीआई किसी देश में हिंसा के उच्च स्तर काप्रतिनिधित्व करता है।

साथियों बात अगर हम शांति के आंकलन की करें तो, उसकी क्रियाविधि इस प्रकार है। शांति का आकलन करने में, l इस बात की जांच करता है कि देश किस हद तक चल रहे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों में शामिल हैं और एक राष्ट्र के भीतर सद्भाव या कलह के स्तर का मूल्यांकन करना चाहते हैं। दस संकेतक मोटे तौर पर आकलन करते हैं कि समाज में सुरक्षा और सुरक्षा के रूप में क्या वर्णित किया जा सकता है। उनका दावा है कि कम अपराध दर, आतंकवादी कृत्यों और हिंसक प्रदर्शनों की न्यूनतम घटनाएं, पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध, एक स्थिर राजनीतिक दृश्य, और आबादी का एक छोटा हिस्सा आंतरिक रूप से विस्थापित या शरणार्थी शांति का सूचक हो सकता है। 2017 में, प्रत्येक देश के लिए शांति स्कोर स्थापित करने के लिए 23 संकेतकों का उपयोग किया गया था। संकेतकों को मूल रूप से 2007 में एक विशेषज्ञ पैनल की सहायता से चुना गया था और विशेषज्ञ पैनल द्वारा वार्षिक आधार पर समीक्षा की जाती है। प्रत्येक संकेतक के लिए स्कोर 1-5 के पैमाने पर सामान्यीकृत होते हैं, जिससे गुणात्मक संकेतक पांच समूहों में बंधे होते हैं, और मात्रात्मक संकेतक 1-5 से तीसरे दशमलव बिंदु तक बनाए जाते हैं। संकेतकों की एक तालिका में , यूसीडीपी स्वीडन में उप्साला विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए उप्साला संघर्ष डेटा कार्यक्रम के लिए खड़ा है , द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के लिए ईआईयू, आपराधिक प्रवृत्तियों और आपराधिक न्याय प्रणालियों के संचालन के संयुक्त राष्ट्र सर्वेक्षण के लिए यूएनएससीटी , आईसीपीएस है किंग्स कॉलेज लंदन में इंटरनेशनल सेंटर फॉर प्रिज़न स्टडीज , इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज प्रकाशन के लिए आईआईएस, द मिलिट्री बैलेंस , और स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट आर्म्स ट्रांसफर डेटाबेस के लिए एस आईपीआरआई।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि वैश्विक शांति सूचकांक 2023 का 17 वां संस्करण जारी। पीस इंडेक्स (जीपीआई) चिन्हित देशों में शांति के स्तर का आंकलन करता है - उच्च स्तर जीपीआई हिंसा के उच्च स्तर का प्रतिनिधित्व करता है।विश्व भर के 163 देशों में शामिल भारत की शांति रैंकिंग में 126 वां स्थान आना चिंतनीय

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


*ADMISSION OPEN  KAMLA NEHRU ENGLISH SCHOOL  PLAY GROUP TO CLASS 8TH Karmahi ( Near Sevainala Bazar) Jaunpur  कमला नेहरू इंटर कॉलेज  प्रथम शाखा अकबरपुर-आदम (निकट शीतला चौकियां धाम) जौनपुर  द्वितीय शाखा कादीपुर-कोहड़ा (निकट जमीन पकड़ी) जौनपुर   तृतीय शाखा- करमहीं (निकट सेवईनाला बाजार) जौनपुर  Call us  77558 17891, 9453725649, 9140723673, 9415896695 | #NayaSaveraNetwork*
Advt


*Admission Open - Session: 2023-24 - Nursery to IX & XI - Streams Available: Maths, Bio, Commerce & Humanities | Admission form Available At the School Office | D.B.S. Inter College (10+2) Affiliated | Kadipur, Ramdayalganj, Jaunpur  | Affiliation No.: 2131740 to CBSE New Dehli | Contact-9956972861, 9956973761*
विज्ञापन



*ADMISSION OPEN 2023-24  Affiliated to I.C.S.E. Board, New Delhi  Affiliation No. UP4562022  HARIHAR SINGH INTERNATIONAL SCHOOL  NURSERY to IXth   Umarpur, Jaunpur  ADMISSION OPEN 2023-24  Our Other Prestigious Branch Affiliated to C.B.S.E. Board, New Delhi  Affiliation No 2131832  HARIHAR PUBLIC SCHOOL  KULHANAMAU, JAUNPUR  Affiliated to U.P.Board   HARIHAR SINGH PUBLIC SCHOOL  |  UMARPUR, JAUNPUR  387 E, Parmanatpur, Umarpur, Near Maihar Devi Mandir, Jaunpur 9198331555, 7311119019, 9415207032 | #NayaSaveraNetwork*
Advt

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ