जौनपुर: पर्यावरण तभी सुरक्षित जब नदियां ना सिकुड़े: प्रो.अंशुमाली | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
नदियों की दुर्दशा से पर्यावरण असंतुलन बढ़ा:कुलपति
विश्व पर्यावरण दिवस पर हुआ वेबीनार
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबिनार मिशन लाइफ भारत सरकार एवं पूर्वांचल यूनिवर्सिटी एल्यूमिनी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मुक्तांगन में सुबह कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य की अध्यक्षता में सभी अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण को संरक्षित रखने, पर्यावरण के अनुकूल आदतों के महत्व हेतु प्रेरित करने के लिए ''मिशन लाइफ" की प्रतिज्ञा ली । मुख्य वक्ता प्रो. अंशुमाली ने स्मॉल रिवर एंड इकोसिस्टम सर्विसेज विषय पर कहा कि पारिस्थितिकी की भयावह स्थिति मानव केंद्रित होने के कारण उत्पन्न हो रही है अत: हमें जमीन के उपयोग को सुनिश्चित करना होगा। नदियों को सिकुड़ने को रोकना होगा, तभी जाकर के पारिस्थितिकी तंत्र सुधर सकता है। कुलपति ने कवि केदारनाथ की कविता ''आज नदी बिल्कुल उदास थी'' से प्रारंभ करते हुए आज के परिवेश में पर्यावरणीय असंतुलन के कारण नदियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला। संचालन डॉ. मनीष कुमार गुप्ता ने किया। इस मौके पर प्रो. राजेश शर्मा ने आगंतुकों एवं वक्ता प्रो. अंशुमाली, का स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन ऋषि श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस अवसर पर महेंद्र कुमार, संजय कुमार राय,वीएन सिंह, प्रो बी डी शर्मा, प्रो देवराज सिंह, डॉ राज कुमार, डॉ. राजबहादुर यादव, डॉ. जगदेव, डॉ मनोज मिश्र, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ सुशील कुमार सिंह, डॉ एस पी तिवारी, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ,डॉ. एस पी तिवारी, डॉ सुधीर कुमार उपाध्याय, डॉ विनय वर्मा, डॉ इन्द्रेश कुमार, डॉ मनोज पाण्डेय, डॉ धर्मेंद्र सिंह, दीप प्रकाश सिंह, जया शुक्ला, मंगला प्रसाद, डॉ अवधेश मौर्य, डॉ प्रमोद यादव, डॉ नीरज अवस्थी, डॉ श्याम कन्हैया, डॉ दिनेश तथा मिशन लाइफ समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।