रामलीला मैदान में आप की महारैली | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की 12 कंपनियां तैनात
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक मेगा रैली का आयोजन कर रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब में उनके समकक्ष भगवंत मान, दिल्ली के मंत्री गोपाल राय और पार्टी सांसद संजय सिंह इस रैली को संबोधित करेंगे. प्रसिद्ध वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल भी रैली को संबोधित करने वालों में शामिल है, जो कि अध्यादेश के कानूनी और संवैधानिक पहलुओं के बारे में बात करेंगे. सिब्बल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आमंत्रण पर रैली में शामिल हो रहे हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आम आदमी पार्टी (AAP) की महारैली के आयोजन स्थल रामलीला मैदान और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की करीब 12 कंपनियां तैनात की जाएंगी. सीसीटीवी से भी निगरानी की जाएगी. मैदान के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे. रैली स्थल में प्रवेश करने वालों की तलाशी ली जाएगी. अधिकारी ने कहा कि जिले के वरिष्ठ अधिकारी मैदान में उपस्थित रहेंगे.
रैली में एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद
रैली में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसके कारण दिल्ली यातायात पुलिस को भी कार्यक्रम के दौरान वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए कहा गया है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि एंबुलेंस और दमकल वाहन भी वहां तैनात किए गए हैं. आम आदमी पार्टी (आप) की प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि रैली में एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने लोगों को अध्यादेश और उनके दैनिक जीवन पर इसके प्रभाव से अवगत कराने के लिए व्यापक अभियान चलाया है.
- केजरीवाल को मिला कई नेताओं का समर्थन
उल्लेखनीय है कि बीते 23 मई से ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ भाजपा विरोधी दलों का समर्थन लेने के लिए उनसे संपर्क रहे हैं ताकि जब इसे संसद में लाया जाये तो यह गिर जाए. गौरतलब है कि अभी तक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) महासचिव सीताराम येचुरी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के चंद्रशेखर राव, शिव सेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ‘आप’ को इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड नेता नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री व द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी इस मामले में केजरीवाल को समर्थन किया है.
केंद्र द्वारा 19 मई को जारी अध्यादेश में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया, जिसने सेवाओं से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है. इससे पहले, 11 मई को उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली सरकार को अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन सहित सेवा से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण दिया था.
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