नया सवेरा नेटवर्क
- मुद्दा 40 पर्सेंट बनाम मुद्दा 50 पर्सेंट
- एक राज्य में 40 पर्सेंट मुद्दे पर सफ़ल परिणामों से उत्साहित होकर सतपुड़ा मामले में मुद्दा 50 पर्सेंट का आगाज़ -फ़ैसला जनता ज़नार्दन करेगी - एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत दुनियां का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अब सबसे बड़ा जनसंख्यातंत्र भी बन गया है। इसमें सोने पर सुहागा भारतवंछियों को बौद्धिक क्षमता का भरपूर खजाना उसकी मिट्टी से ही गिफ्ट के रूप में मिल मिलता है और क जिसके बल पर आज भारतवंशी सारे विश्व पर राज कर रहे हैं, सर्वश्रेष्ठ निर्णय ले रहे हैं। अब लद गए वे दिन जब ठप्पा युग में बूथ कैपचरिंग कर एकतरफा चुनाव जीता जाता था, एक रुपए के भुगतान पर हितधारकों को पंद्रह पैसा ही हाथमें आता था।
अब डिजिटल युगडीबीटी का जमाना है। बिचौलियों का युग और रोल समाप्त हो चुका है। भ्रष्टाचार पर कड़े प्रहार और मिट्टी में मिलाने का काम तेजी से जारी है।आम जनता की सोच का दायरा भी विस्तृत हुआ है जिसके कारण अब जनता नें बहुत सोच समझकर बटन दबाकर अपना मूक दम दिखाना शुरू कर दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल विस्तार के कारण टीवी चैनलों और मोबाइलों के बल पर देश दुनियां और राजनीतिहलचल आरोपों प्रत्यारोपण शासकीय कार्यालयों इत्यादि की ग्राउंड रिपोर्टिंग को देख, सुन व समझ रही है और सब ध्यान में रखकर अपनी पूरी भड़ास बटन को दबाकर निकालती है। चूंकि 2023 के अंत में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव का आगाज़ करीब-करीब शुरू हो गया है, क्योंकि उन राज्यों में चुनावी हलचलो जैसे कार्यक्रम, आरोप-प्रत्यारोप का दौर, तेजी से स्कीमें लागू करनें का दौर और सबसे बड़ी बात पूरा टर्म रूखा रहने के बाद जनता के प्रति अभूतपूर्व प्रेम का जागृत होना, चुनावी इंडिकेशन की ओर इशारा करता है।
चूंकि दिनांक 12 जून 2023 को देर रात एक राज्य की बहुत बड़ी बिल्डिंग जिसमें अनेक शासकीय मंत्रालय मंत्रियों के कार्यालय थे वहां भीषण आग लगी और मीडिया के अनुसार उसमें करीब 12, हज़ार सेअधिक फाइलें जल गई और बातमाननीय पीएम व केंद्रीय गृह मंत्री को फोन और सहायता पर पहुंची तो, स्वाभाविक ही है विपक्ष अवसरों को ढूंढ कर मुद्दा बनाएगा।
बड़े बुजुर्गों की कहावत है कि धुआं वहीं से उठता है जहां आग लगती है, इसलिए विपक्षी नेताओं को मुख्य मुद्दा 50 पर्सेंट का निकल आया है और कहा जा रहा है कि, आग लगी या लगाई गई? क्योंकि अब शासन जनता द्वारा हस्तांतरित करने का मूड संबंधित सरकार या पार्टी जान चुकी है, इसलिए महत्वपूर्ण फैसला जिसमें 50 परसेंट का उद्गार होने का रास्ता बंद कर उसे स्वाहा कर दिया गया है, यह बयान औरों के साथ साथ माननीय पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा भी टीवी चैनलों पर दिया गया है।
अब जनता और पार्टी को लग रहा है कि जैसे 40 परसेंट मुद्दे पर अभी एक राज्य में भारी जीत हासिल हुई है तो यहां अब 50 परसेंट मुद्दे का शंखनाद हो गया है और उसमें तेजी लाने की कोशिश की जा रही है परंतु हम सबको याद रखना होगा कि ए बाबू ! ये तो पब्लिक है येसब जानती है।इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे मुद्दा 40 परसेंट बनाम मुद्दा 50 परसेंट।
साथियों बात अगर हम सतपुड़ा भवन में लगी आग से राजनीति गरमाने की करें तो इस घटना पर राजनीति तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम ने इस मामले में राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, इसे भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया है।उन्होंने इसकी जांच की मांग की है।एक पूर्व मंत्री ने कहा कि आप समझिए, सतपुड़ा भवन में फिर से आग लगी है।
इसका मतलब है कि 50 फीसदी कमीशन के सबूत को जला दिया गया है। हमारे सीएम यह जवाब देंगे कि पिछली बार जो आग लगी थी, उसमें दोषी कौन थे। उनमें कितने लोगों को सजा हुई है। उन्होंने कहा कि पिछली बार वाली घटना में कितनें लोगों पर कार्रवाई हुई है। इसका कोई जवाब है उनके पास। अब फिर आग लगी है। लेकिन आग किसने लगाई और क्यों लगी, इसके कारणों पर ये नहीं जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 2018 के बाद दूसरी बार सतपुड़ा भवन में आग क्यों लगी है। उन्होंने पूछा है कि बार-बार सतपुड़ा भवन में ही आग क्यों लगती है। आम जनता इस बार हमारी पार्टी पक्ष में है। जनता में यह संदेश पहुंच गया है कि पार्टी की सरकार आ रही है। वर्तमान कुशासन से लोग थक गए हैं। अब एमपी में उनकी सरकार नहीं बन सकती है। इस भावना को सरकार समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने सबूत मिटाने के लिए यह आग लगी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के पक्ष में सर्वे है।
आप इस चीज को समझो और इन्हें सजा दो। गौरतलब है कि आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। इसके साथ ही 30 से अधिक एसी में ब्लास्ट हुआ था। आग पर काबू पाने के लिए प्रशासन की तमाम टीमें मौके पर मौजूद थीं।वहीं एक विपक्षी विधायक ने भी सतपुड़ा आग की घटना को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट किया सतपुड़ा भवन के स्वास्थ्य संचालनालय कार्यालय में आग, किसी भी राज्य मे चुनाव से पहले सरकारी रिकॉर्ड भवन मे अगर आग लग जाए तो समझो सरकार गई, गुनाह मिटा दिए गए। सीएम और उनकी सरकार की, चला चली की बेला है।
यह विशेष उल्लेखनीय है कि सतपुड़ा भवन में इससे पहले भी आग लग चुकी है। 25 जून 2012 में भी चौथी मंजिल पर आग लगी थी। तब यहां तकनीकी शिक्षा विभाग का दफ्तर था। यह आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी नेता ने सतपुड़ा भवन में लगी आग के टाइमिंग पर सवाल उठाया है।
उन्होंने ट्वीट किया कि युवा नेत्री ने जबलपुर में विजय शंखनाद रैली में घोटालों को लेकर हमला बोला तो सतपुड़ा भवन में भीषण आग लग गई। इसमें महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गई है। कहीं आग के बहाने घोटालों के दस्तावेज जलाने की साज़िश तो नहीं। यह आग मप्र में बदलाव के संकेत दे रही है। पूर्व मंत्री और विधायक ने कहा कि पचास प्रतिशत कमीशन वाली सरकार ने अपने दस्तावेज जला दिए।
साथियों बात अगर हम इस मामले में राज्य सरकार के बचाव की करें तो, उधर इस सतपुड़ा अग्निकांड के बाद सीएम निवास में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी।बैठक के बाद गृह मंत्री ने कहा कि डिजिटल जमाना है सभी फाइलों को फिर से रीक्रिएट कर लिया जाएगा। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। कमेटी 3 दिन के अंदर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंप देगी। केंद्र की योजनाओं के डाटा को रीक्रिएट कर लिया जायेगा।
विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा-वहां 4 हज़ार कर्मचारी काम करते हैं, ऐसे में पेट्रोल लेकर कौन जाएगा, विपक्षी बड़ी पार्टी,हादसों पर राजनीति कर रही है, उनके सभी आरोप झूठे हैं उन्होंने कहा ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त की फाइलें जली हैं, भ्रष्टाचार से जुड़ी कोई भी फाइल नहीं जली है। न तो लोकायुक्त की और न ही ईओडब्ल्यू की किसी फाइल को नुकसान पहुंचा है। यह भ्रम की स्थिति बनाई जा रही है। जो फाइलें जली हैं, उनका नीचे भी रिकॉर्ड है। ऊपर भी रिकॉर्ड बना हुआ है। हम डिजिटल युग में जी रहे हैं और दस्तावेज नष्ट नहीं होते। जिन दस्तावेजों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें फिर से तैयार करने की कार्यवाही शुरू हो गई है।
साथियों बात अगर हम आग बुझाने में सरकार द्वारा की गई मशक्कत की करें तो, सरकारी दफ्तर सतपुड़ा भवन में लगी देर शाम लगी आग मंगलवार दोपहर 12 बजे तक पूरी तरह बुझाई जा सकी। मंगलवार सुबह 8 बजे तक टीम ने आग पर काबू पा लिया था। बताया जा रहा है कि आग इतनी भीषण थी कि दमकल की 50 गाड़ियां मौके पर मौजूद थी। साथ ही देर रात आग पर काबू पाने के लिए वायुसेना भी भोपाल पहुंची थी। मंगलवार सुबह 7.30 बजे आग पर काबू पाया गया।
उल्लेखनीय है कि सीएम ने आग पर काबू पाने के लिए केंद्र से मदद मांगी थी। आर्मी की टीम मौके पर पहुंच गई थी। इसके साथ ही सरकार के दो मंत्री भी वहां पहुंच गए थे। सीएम ने रक्षा मंत्री से बात की थी उन्होंने आग बुझाने के लिए एयरफोर्स की मदद मांगी थी। रक्षा मंत्री एयरफोर्स को निर्देशित किया और एंएन32 विमान और एमआई 15 हेलीकाप्टर भोपाल पहुचेंगे थे।
एंन 52 और एमआई 15 बकेट के द्वारा सतपुड़ा भवन में ऊपर से पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किए। सीएम के निर्देश पर गठित हाई लेवल कमेटी घटना की जांच में जुटी है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व वाली समिति ने मंगलवार को सतपुड़ा भवन में तीसरी से छठी मंजिल का निरीक्षण किया। इस दौरान इलेक्ट्रिकल सेफ्टी, पीडब्लूडी के ईऔर एम विंग और फोरेंसिक साइंस लैब के एक्सपर्ट्स भी साथ रहे। एफएसएल टीम ने यहां से करीब आधा दर्जन सैंपल लिए। कर्मचारियों-अधिकारियों के बयान भी लिए गए। तीन दिन बाद अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक होंगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मुद्दा 40 पर्सेंट बनाम मुद्दा 50 पर्सेंट। ए बाबू ! ये तो पब्लिक है ये सब जानती है ! एक राज्य में 40 पर्सेंट मुद्दे पर सफ़ल परिणामों से उत्साहित होकर सतपुड़ा मामले में मुद्दा 50 पर्सेंट का आगाज़ - फ़ैसला जनता ज़नार्दन करेगी
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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