जौनपुर: नियमों को ताक पर रखकर प्रधानमंत्री आवास बांटे जाने का आरोप | #NayaSaveraNetwork
- पात्र खा रहे दर दर की ठोकर अपात्र आवास लेकर सो रहे चैन की नींद
- शिकायतों को नजर अंदाज कर मामले में कर दी जाती है लीपा पोती
जफराबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नाम की आवास योजना को इस मंशा के साथ संचालित किया था ताकि गरीबों को रहने के लिए पक्की छत मुहैया हो जाये और जो लोग झुग्गी झोपड़ी में रह रहे हैं उनके पास अपना एक पक्का आवास हो जाये।
पर शायद प्रधानमंत्री ने ये सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस विभाग के सहारे इस योजना को परवान चढ़ाने की जिम्मेदारी दी जायेगी उसके मुखिया व कर्मचारी ही योजना में पलीता लगाने का काम करेगें। अधिकारी पात्रों को दर दर की ठोंकरे खिलाएंगे और अपात्रों को जिनके पास पक्का मकान पहले से ही मौजूद है वे इस योजना पर डाका डालवाने का काम करेगें।
स्थानीय नगर पंचायत क्षेत्र में कुछ इस तरह का मामला सामने आ रहा है। कहीं अपात्रों को लाभ दिया गया तो कंही विवादित भूमि पर तो कंही कूटरचित दस्तावेज के आधार पर भी आवास योजना के तहत धनराशि निर्गत की गई है।
हाल ही में मुहल्ला नासही निवासी एक शातिर महिला हुसना जैदी पत्नी स्व.आफताब हुसैन जैदी के ऊपर एक महिला ने आरोप लगाया था कि उक्त महिला के पास पक्का मकान पहले से ही मौजूद है बावजूद इसके उक्त महिला ने कूटरचित दस्तावेज के सहारे संबंधित कर्मचारी को रूपये देकर आवास आवंटित करा लिया जिसके बाबत जनसुनवाई पोर्टल सहित जिलाधिकारी से शिकायत दर्ज कराकर भ्रष्टाचार मंे लिप्त कर्मचारियों के विरूद्ध जांच करा कर फरहत फातमा ने कार्रवाई करने की मांग की है। इसके पूर्व में भी इजहार हुसैन ने सूडा कार्यालय तक प्रधानमंत्री आवास योजना में की जा रही धांधली को लेकर शिकायत की थी लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण कोई भी निस्तारण आज तक नहीं हो पाया है।
सूत्रों की माने तो कर्मचारियों की मिलीभगत से अपात्रों को लाभ देकर जमकर धन उगाही का खेल खेला जा रहा है जिसमें नीचे से लेकर ऊपर तक के लोगों का हिस्सा बराबर समय से पहुंचता रहता है यही कारण है कि यदि कभी कोई शिकायत करता भी है तो विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मिलकर आपस में लीपापोती कर शिकायत का निस्तारण कर कर्मचारियों का पक्ष लेकर उन्हें बचा लेते हैं।
जिसका नतीजा होता है कि कर्मचारियों का हौसला और बुलंद हो जाता है और वे इस खेल में और पारंगत होकर धन उगाही में जुट जाते हैं जिसका खामियाजा पात्रों को भुगतना पड़ता है जो पात्र है उसे उसका हक नहीं मिल पाता और धनाड¬ व अपात्र लोग धनवर्षा के बदौलत योजना का लाभ लेकर मस्त रहते हैं। इस प्रक्रण में जेई, सीएलटीसी, डीसी से जन सूचना भी मांगी गई लेकिन आधी अधूरी जन सूचना दी गई, और कोई भी कार्रवाई किसी के ऊपर नहीं की गई।
इजहार हुसैन का आरोप है कि मुहल्ला नासही निवासी रविसा बेगम का आवास एक बार निरस्त हो चुका था उसके बाद कर्मियों ने रिश्वत लेकर दोबारा प्रधानमंत्री आवास पास कर दिया गया। जेई रवि रविकांत तिवारी द्वारा रबिसा बेगम के पूर्व से ही बने मकान को प्रधानमंत्री आवास दिखा दिया गया, तथा जे ई द्वारा पुन: निर्माण के तहत ना तो नींव का और ना ही दीवार का और ना ही छत का फोटो खींचा गया, बिना फोटो के ही आवास पास कर दिया गया तथा धन राशि खाते में भेज दी गई।
इसके पूर्व में भी कई आवास की अनियमितताओं को लेकर नगर पंचायत जफराबाद में विवाद पाए गए लेकिन विभागीय उदासीनता कहा जाये या लेनदेन का खेल जिसके कारण मामले का कोई हल नहीं निकल सका और अपात्र लोग योजना का लाभ लेकर मस्त हैं। क्षेत्रीय लोगो का कहना हैं की इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि जांच होने पर ही सारी पोल खुल जाएगी कि किस की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है और पात्र लोग इस योजना के लाभ से वंचित रह जा रहे हैं।