जौनपुर: सत्संग में ही मिलता है वास्तविक सुख:मानिकचंद | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। संत निरंकारी मिशन के तहत पट्टी नरेंद्रपुर में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन हुआ। सत्संग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए जोनल इंचार्ज महात्मा मानिक चंद तिवारी ने बताया कि सत्संग ही मनुष्य के सच्चे सुख का सर्वोत्तम स्थान है। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर सुख की तुलना में सत्संग का पलड़ा सबसे भारी होता है इसका उद्घोष समस्त वेद- शास्त्र करते हैं। उन्होंने कहा कि सुरु के दरबार में जाति- पाँति, अमीरी- गरीबी, ऊंच-नीच, भेदभाव का कोई स्थान नहीं होता। मनुष्य यदि वास्तविक सुख की चाह करता है तो उसे प्रभु परमात्मा की शरण में आना पड़ेगा। परमात्मा की प्राप्ति बिना ब्राह्मवेत्ता सतगरु की शरण में आए नहीं हो सकती। शास्त्र और इतिहास गवाह है कि चाहे कोई भी हो बिना सतगुरु के मोक्ष किसी युग में भी नहीं मिला है। महात्मा राजित राम ने कहा संसार भगवान को मान रहा है लेकिन जान नहीं रहा है। बिना ई·ार को जाने भक्ति करने से मुक्ति नहीं मिल सकती। मन अत्यंत चंचल होता है जो सत्संग में ही आकर शांत हो सकता है। राम और रावण वाली प्रवृत्ति हमारे मन में ही होती है जो ब्राह्मज्ञान से ही सकारात्मक दिशा में कार्य कर सकता है। तिलक स्मारक इंटर कॉलेज ईसापुर के पूर्व प्रधानाचार्य आरपी सिंह ने कहा कि संतो का संग ही वास्तविक संग होता है। जीवन में परिवर्तन खुद की बुराई को अपने अंदर झांकने से ही संभव है। महात्मा वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सभी धर्म ग्रंथों का सार यही है कि मानव जीवन बड़े भाग्य से मिलता है और ई·ार की प्राप्ति हमारे जीवन का चरम लक्ष्य है। महात्मा बाबूराम प्रजापति ने कहा कि जीवन में निखार सत्संग के बिना असंभव है परमात्मा से एकाकार होने पर ही एकता की भावना उत्पन्न हो सकती है। विद्यावती, विमला, डॉ. शैल कुमार प्रजापति, कमलेश आदि लोगों ने भी अपने विचार प्रकट किए। संचालन रामबचन ने किया। इस अवसर पर अनंता देवी, रमापति प्रजापति, कमलेश तिवारी, राम प्रकाश ,राम नाथ प्रजापति, अरु ण यादव ,रामधनी प्रजापति आदि उपस्थित रहे।
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