क्या मैं शराबी हूं ? | #NayaSaveraNetwork
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क्या मैं शराबी हूं ?
न ठहर पाता हूं कहीं
न संभल पाता हूं,
बस देखता हूं तुझे
तुझ ही से बातें करता हूं,
तो क्या मैं शराबी हूं?
हां! नशा है तुझे देखने का हमें
तेरी उन नशीली आंखों में
जिसने छीनी मेरी उदासी है
तो क्या मैं शराबी हूं
हाँ, नशा है तेरे "शब्दों" का
तेरी ही बातों का,
अक्सर बहक जाया करता हूं
"सुनकर" तुझे,
तो क्या मैं शराबी हूं ?
रहने दो यूं ही
बहकने दो यूं ही मुझको,
क्योंकि
नशीला मन कभी झूठ नहीं कहता,
देखता हूं कि
मेरे नशे में भी कितना "नशा" है ?
किसी को नशा पैसे का
तो किसी को ईमान का है,
किसी को नशा इश्क का
तो किसी को नूर का है,
नशे में सब हैं
तो फिर शराबी मैं ही क्यों ?
आशीष मिश्र उर्वर
कादीपुर सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश।