भ्रष्टाचार बनाम अधिक मूल्यवर्ग करेंसी नोट | #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

  • अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने डिजिटल पेमेंट का दायरा बढ़ाना ज़रूरी 
  • डिजिटल युग में 500 रुपए से अधिक मूल्यवर्ग करेंसी नोट भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे - डिजिटल लेनदेन का विस्तार भ्रष्टाचार बंदी में सहायक - एडवोकेट किशन भावनानी 

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है,जिसमेंजनभागीदारी का प्रमाण उतना ही होना जरूरी है जितना शासकीय तथा प्रशासकीय लेवल पर होता है।क्योंकि नियम कायदे कानून योजनाएं तो आखिर जनता पर ही लागू होती है, जिसमें जनता का सहयोग ही नहीं बल्कि जनभागीदारी भी करना ज़रूरी है। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भारत में डिजिटल लेनदेन का भी महत्वपूर्ण स्थान है।

क्योंकि इस अर्थतंत्र में जितनी मुद्रा सर्कुलेट होगी उतनी अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी। अगर हम पैसों को काल कोठरी में बंद कर दबा कर रखेंगे और सर्कुलेट नहीं करेंगे तो वह डेड मनी होकर रह जाती है। दूसरे शब्दों में अगर हम 2016 की नोटबंदी और 19 मई 2023 को घोषित 2000 के नोटों की नोटबंदी को इस एंगल से देखें तो हमें यह बात समझ मेंआएगी। दोनों नोट बंदियों में हमने देखे कि घोषणा के तुरंत बाद मार्केट में 2016 में 1000 और 500 तथा 19 मई 2023 में 2000 के नोटों की बारिश हो गई याने तेजी से सर्कुलेट हो रहे हैं इसका अर्थ यह हुआ कि अधिकतम हद तक भ्रष्टाचार और काली कमाई का पैसा बाहर आने में से पहले डेड मनी बनकर दबा हुआ था, याने यह पैसा मार्केट में आया तो तेजी से कैलकुलेटर होगा। 

लोग खर्च करेंगे ट्रेड और सर्विस को पैसा आएगा, व्यापार सेवा बढ़ेगा, उत्पादन बढ़ेगा, कमाई होगी और इस चैन में गरीब लोगों में समृद्धि बढ़ेगी, बेरोजगार और गरीबों को रोजगार मिलेगा तो स्वाभाविक ही अर्थव्यवस्था मज़बूत होती चली जाएगी। अभी 2000 की नोटबंदी में देखने को मिल रहा है कि जिनकी उधारी महीनों वर्षों से लटकी हुई थी अब इन 3 दिनों में ही बहुत वसूली होते जा रही है यहां तक के 2000 के नोटों में लोग दुकानदारों को एडवांस भी दे रहे हैं कि आगे माल उठा लेंगे यह एडवांस में जमा कर लो, इस तरह दोनों नोट बंदियों से पैसा पूरा बाहर आया है और आएगा जो अर्थव्यवस्था को मजबूत करनें के संकेत हैं। 

दूसरी तरफ भ्रष्टाचारियों पर दूसरी करारी चोट पड़ी है क्योंकि भ्रष्टाचार में बड़े नोट ही सर्कुलेट होते हैं, इसलिए मेरा मानना हैकि अब आरबीआई ने बड़े नोट नहीं निकालना चाहिएडिजिटल लेनदेन पर जोर देना चाहिए तो बॉटमअप से लेकर टॉपअप तक शासकीय कर्मचारियों की वित्तीय पारदर्शिता जाहिर हो जाएगी कि पगार हजारों में मिलती है और खर्चा लाखों में कैसे होता है? 

डिजिटल भ्रष्टाचार होने की संभावना कम होगी, नगदी लेंगे नहीं तो नोटों का पहाड़ अब बनाएंगे नहीं तो उनके पास भ्रष्टाचार बंद करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचेगा, जिसका सीधा फायदा आमजनता को ही होगा।

 कुछ समय से हम देख रहे हैं कि ईडी और सीबीआई की रेड में हरे गुलाबी के पहाड़ बरामद हो रहे हैं, वहीं एमपी में तो बड़े-बड़े शासकीय अधिकारियों से भारी मात्रा में हरे गुलाबी के पहाड़ बरामद हो रहे थे। इसलिए भ्रष्टाचार को रोकने, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और विश्व की सबसे बड़ी मजबूतअर्थव्यवस्था बनाने की राह में 500 रुपए से अधिक मूल्य की करेंसी नोट का होना बाधक साबित होगा इसपर वित्तमंत्री, आरबीआई सहित उच्च स्तरपर मंथन कर भ्रष्टाचार को रोकना ज़रूरी है। 

साथियों बात अगर हम एक पेपर की रिसर्च रिपोर्ट की करें तो, अखबार के रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल भारत में 3.7 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के 2000 रुपये के नोट मौजूद हैं। अगर उसका एक तिहाई नोट भी बैंकों के पास वापस जाता है तो बाजार में नकदी बढ़कर 40 हज़ार करोड़ रुपये से लेकर 1.1 लाख करोड़ रुपये के बीच पहुंच सकती है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अघोषित आय पर टैक्स बचाने के लिए जिन लोगों ने 2000 रुपये के नोटों को जमा कर के रखा था, उन्हें अब गहने खरीदने और रियल एस्टेट सेक्टर में लगा दिया जाएगा। 

साथियों बात अगर हम 2 दिन पूर्व आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर के बयान की करें तो उन्होंने भी कहा था, कि जिस तरह से डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, मुझे नहीं लगता कि किसी बड़े मूल्यवर्ग के नोट की जरूरत है। पहले नकद लेन-देन का बोलबाला था तब, एक थंब-रूल था किमहंगाई दर के आधार पर हमें लेन-देन की सुविधा के लिए करेंसी नोटों के उच्च मूल्यवर्ग को पेश करना पड़ेगा।

 वह बाध्यता अब दो कारणों से लागू नहीं होती एक, डिजिटल पेमेंट के दायरा बड़ा हो चुका है, दूसरा महंगाई दर दहाई अंकों के विपरीत अब नियंत्रण में है।इसलिए बड़े वैल्यू वाले नोटों की जरूरत नहीं है।रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद इसलिए 2000 रुपये के नोट जारी किए गए थे, क्योंकि 500 रुपये के नोट की छपाई में बहुत अधिक समय लगता, इसलिए शॉर्ट टर्म के लिए इसे स्वीकार किया गया था, इसके अलावा, आरबीआई इन नोटों को बैंकिंग सिस्टम में आने के बाद वापस ले रहा था उन्हें दोबारा जारी नहीं किया गया था. यही वजह है कि इनमें से करीब आधे नोट पहले ही वापस ले लिए गए हैं। 

इसलिए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि बाकी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।उनके अनुसार, डिजिटल पेमेंट सिस्टम के व्यापक रूप से सफल होने के बाद और कम महंगाई दर का मतलब है कि उच्च मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों की अब और आवश्यकता नहीं है। 

वहीं उन्होंने 2014 से 2017 तक डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्य करते हुए आरबीआई के मुद्रा प्रबंधन विभाग को संभाला था।उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट की शुरूआत डिमोनेटाइजेशन के सिद्धांतों के खिलाफ थी, इसे शॉर्ट टर्म टेक्टिकल निर्णय के रूप में स्वीकार किया गया था। 2000 रुपये के नोट को वापस मंगाने उसे 30 सितंबर 20223 तक अन्य मूल्यों के नोटों से एक्सचेंज करवा सकते हैं। 

साथियों बात अगर हम 2000 के नोट बंदी के अनुमानित कारणों की करें तो, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों ने कहा, सरकार और केंद्रीय बैंक ने इस कदम को उठाने का सही कारण तो अब तक नहीं बताया है। लेकिन आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले इस तरह का निर्णय लेना बुद्धिमानी भरा फैसला है, क्योंकि चुनाव के दौरान जनता को लुभाने और प्रचार में आमतौर पर नकदी का उपयोग बढ़ जाता है। 2000 रुपए के नोट की बंदी के भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई अच्छे तथा कई बुरे प्रभाव भी पड़े।

अच्छे प्रभाव:-नोटबंदी के बाद अघोषित आय पर लगाए गए टैक्स और जुर्माने से सरकारी खजाने में बड़ी राशि जमा होगी।निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा बढ़ा। कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा मिला। बैंको ने कर्ज सस्ते किये।महंगाई कम होगी।नोटबंदी से ब्लैकमनी पर शिकंजा कस गया। इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होगी।प्रोपर्टी लेन-देन सस्ता होगा।

साथियों हम देखते होंगे कि राष्ट्रपति भवन में जब पद की शपथ ली जाती है तो गोपनीयता की भी शपथ ली जाती है।इसी फैसले के तहत गुपचुप ढ़ग से इसपर पहले और अभी रोक लगाया गया। वास्तव में भारत में एक सत्ता केन्द्र में थी एक सत्ता कुछ घरों में कैद थी। पड़ोसी मुल्क में रूपये पर एकक्षत्र राज चला रखा था। ऩेपाल के रास्ते नकली नोटों की खेपें भारत में लाई जा रही थी। 

नकली नोटों का साम्राज्य इतना बढ़ा हुआ था कि लोग नकली असली का फर्क भूल गये थे। कश्मीर से लेकर पंजाब पश्चिम बंगाल केरल बिहार गुजरात सभी जगहों पर नकली नोटों के बल पर आतंक का साम्राज्य चल रहा था। भ्रष्टाचार का पूरा तंत्र मौजूद था।

कटमनी का सिस्टम ईमानदारी से किसी को काम करने ही नहीं दे रहा था।ऐसी परिस्थिति में ऐसा निर्णय लेना आवश्यक था कि सौ सोनार की एक लोहार की।निर्णय ले लिया गया कि पहले 1000 और 500 के नोट को रोक दिया गया अब 2000 के नोट को जिसका परिणाम हमको आगे देखने को मिलेगा।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भ्रष्टाचार बनाम अधिक मूल्यवर्ग करेंसी नोट।अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने डिजिटल पेमेंट का दायरा बढ़ाना ज़रूरी है।डिजिटल युग में 500 रुपए से अधिक मूल्यवर्ग करेंसी नोट भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे - डिजिटल लेनदेन का विस्तार भ्रष्टाचार बंदी में सहायक होगा।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


*ADMISSION OPEN 2023-24  Affiliated to I.C.S.E. Board, New Delhi  Affiliation No. UP4562022  HARIHAR SINGH INTERNATIONAL SCHOOL  NURSERY to IXth   Umarpur, Jaunpur  ADMISSION OPEN 2023-24  Our Other Prestigious Branch Affiliated to C.B.S.E. Board, New Delhi  Affiliation No 2131832  HARIHAR PUBLIC SCHOOL  KULHANAMAU, JAUNPUR  Affiliated to U.P.Board   HARIHAR SINGH PUBLIC SCHOOL  |  UMARPUR, JAUNPUR  387 E, Parmanatpur, Umarpur, Near Maihar Devi Mandir, Jaunpur 9198331555, 7311119019, 9415207032 | #NayaSaveraNetwork*
Advt


*पूर्वांचल का सर्वश्रेष्ठ प्रतिष्ठान - गहना कोठी भगेलू राम रामजी सेठ | आपकी सुंदरता में लगाए चार चांद | प्रत्येक 10 ​हजार तक की खरीद पर पाएं लकी ड्रा कूपन | विवे​क सेठ मोनू | हनुमान मंदिर के सामने कोतवाली चौराहा जौनपुर | 9984991000, 9792991000, 9984361313 | सद्भावना पुल रोड नखास ओलंदगंज जौनपुर | 9838545608, 7355037762, 8317077790 | Naya Savera Network*
Advt.


*प्रवेश प्रारम्भ-सत्र 2023-24 | निर्मला देवी फार्मेसी कॉलेज |(AICTE, UPBTE & PCI Approved) | Mob:- 8948273993, 9415234998 | नयनसन्ड, गौराबादशाहपुर, जौनपुर, उ0प्र0 | कोर्स - B. Pharma (Allopath), D. Pharma (Allopath) | द्विवर्षीय पाठ्यक्रम योग्यता, योग्यता - इण्टर (बायो/मैथ) And प्रवेश प्रारम्भ-सत्र 2023-24 | निर्मला देवी पॉलिटेक्निक कॉलेज | नयनसन्ड, गौराबादशाहपुर, जौनपुर, उ0प्र0 | ● इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | ● इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | ● सिविल इंजीनियरिंग | ● मैकेनिकल इंजीनियरिंग ऑटो मोबाइल | ● मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रोडक्शन | ITI अथवा 12 पास विद्यार्थी सीधे | द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त करें। मो. 842397192, 9839449646 | छात्राओं की फीस रु. 20,000 प्रतिवर्ष |  #NayaSaberaNetwork*
Advt.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ