बिहार: इंटरसिटी एक्सप्रेस का परिचालन रक्सौल से शुरू कराए जाने को लेकर रेल मंत्रालय, रेल बोर्ड और पूर्व मध्य रेलवे को भेजा पत्र | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
स्लिप कोच एलिमिनेशन को कारण बताकर रक्सौल से इसका परिचालन बंद कर देना उचित और तर्कसंगत नहीं : डॉ. शलभ
बिहार: रक्सौल से पाटलिपुत्र के बीच चलनेवाली पाटलिपुत्र-रक्सौल इंटरसिटी एक्सप्रेस 15202/15201 के रक्सौल से परिचालन, उसकी उपयोगिता और अनिवार्यता पर पुनर्विचार करते हुए इस संदर्भ में उचित और सकारात्मक निर्णय लिए जाने की मांग रखी गई है।रेल मंत्रालय, रेल बोर्ड समेत पूर्व मध्य रेलवे के जीएम को भेजे गए प्रतिवेदन में शिक्षाविद डॉ. स्वयंभू शलभ ने कहा है कि हाल में मीडिया के माध्यम से खबर आई कि इस नए वित्त वर्ष में इंटरसिटी रक्सौल से नहीं बल्कि जिला मुख्यालय बापूधाम मोतिहारी से पाटलिपुत्र तक जाएगी। इस खबर से रक्सौल रामगढ़वा समेत सीमावर्ती क्षेत्र के सभी लोग आहत हैं और स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यह प्रस्ताव उचित और तर्कसंगत नहीं है। इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार कर इस सेवा को पूर्व की भांति रक्सौल से पाटलिपुत्र तक के लिए बहाल किया जाना जरूरी है।
गौरतलब है कि इंटरसिटी एक्सप्रेस को फिर से चालू किये जाने के संबंध में पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कुछ ढांचागत बदलाव किया जाना जरूरी बताया गया था। डॉ. शलभ के पत्र के आलोक में पूर्व मध्य रेलवे द्वारा गत 5 जनवरी 2023 को बताया गया कि इस मांग को संज्ञान में लिया गया है। ढांचागत बदलाव के बाद इसकी जाँच की जाएगी। स्लिप कोच को हटाने की अवधारणा के कारण एक कनेक्टिंग ट्रेन नं. 15515/15516 का परिचालन किया जा रहा है। इससे पूर्व गत 12 सितंबर 2022 को इस ट्रेन के पुनर्परिचालन को लेकर पूर्व मध्य रेलवे द्वारा डॉ. शलभ के प्रतिवेदन को रेलवे बोर्ड में भी भेजा गया था।
इस हेतु जो भी ढांचागत बदलाव किया जाना आवश्यक है उसे शीघ्र पूरा कर इस सेवा को पुनः बहाल करने की मांग इस प्रतिवेदन में की गई है।
बताया है कि यह ट्रेन रक्सौल और सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए एक अनिवार्य सेवा के रूप में उपलब्ध रही है। इस ट्रेन को बंद किये जाने से क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण के समय इस ट्रेन का परिचालन बंद किया गया था। अभी रक्सौल से हटाकर इसे मोतिहारी से परिचालन किये जाने की खबर से सभी हतप्रभ हैं।
रक्सौल को राजधानी पटना से जोड़ने वाली यह ट्रेन जो इस रूट की लाइफलाइन मानी जाती रही है रक्सौल से सुबह 5 बजे और वापसी में पाटलिपुत्र से शाम 5 बजे खुलती थी। लोग इस ट्रेन से सुबह पटना जाकर अपना जरूरी काम निपटाकर फिर इसी ट्रेन से वापस रक्सौल आ जाते थे। पूरे देश में दो शहरों के बीच चलने वाली इंटरसिटी का मूल उद्देश्य भी यही है। स्लिप कोच एलिमिनेशन को कारण बताकर इस अनिवार्य सेवा को बंद कर देना उचित और तर्कसंगत नहीं है।
आगे बताया कि पाटलिपुत्र-नरकटियागंज इंटरसिटी भाया सुगौली नियमित चलती रही केवल रक्सौल का लिंक बंद कर दिया गया जबकि रक्सौल और रामगढ़वा से मोतिहारी आने जाने के लिए पाटलिपुत्र-रक्सौल इंटरसिटी एक्सप्रेस एकमात्र प्रमुख साधन है। इस क्षेत्र के ज्यादातर छात्रों का परीक्षा केंद्र मोतिहारी में रहता है। कोर्ट और अन्य सरकारी दफ्तर भी इसी जिला मुख्यालय में स्थित हैं जिसके कारण प्रतिदिन बड़ी संख्या में इस क्षेत्र के लोगों का इस ट्रेन से आना जाना होता है। पटना और मुजफ्फरपुर से अन्य लंबी रूट की ट्रेन पकड़ने के लिए पड़ोसी देश नेपाल के लोग भी इस ट्रेन से लाभान्वित होते हैं। इस क्षेत्र के लोगों के लिए इस ट्रेन की अनिवार्यता पर पुनर्विचार करते हुए इस सेवा को पूर्व की भांति रक्सौल से परिचालन किये जाने की मांग रखी गई है।
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