जौनपुर: पूर्व प्रबंधक स्व.अशोक सिंह की मनाई गई द्वितीय पुण्यतिथि | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
भागवत कथा के संगीतमय प्रवचन पर झूमे श्रद्धालु
जौनपुर। सिरकोनी ब्लॉक के महरूपुर गांव के समीप स्थित भव्य हनुमान मंदिर में टीडीपीजी कॉलेज के पूर्व प्रबंधक स्व.अशोक सिंह की दूसरी पुण्यतिथि पर तीन दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया गया। 15 अप्रैल शनिवार को उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर टीडीपीजी कॉलेज के डॉ.आरपी ओझा एवं अयोध्या से आये कथा व्यास पंडित रजनीकांत ने संगीतमय भागवत कथा सुनाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया। भागवत कथा के दौरान डॉ.आरपी ओझा ने कहा कि भगवान राम ने पहले ही माता कैकेई से वन भेजवाने का वरदान मांगा था और उसी वरदान को पूरा करने के लिए भगवान का पूरा खेल हुआ।
जिस समय माता कैकेई ने राजा दशरथ से भगवान राम के चौदह वर्ष का वनवास और भरत के लिए राज सिंहासन की मांग की वैसे ही राजा दशरथ चिंतित हो गये। उन्होंनेे रानी कैकेई से वरदान बदलने का भी आग्रह किया लेकिन उनके हठ के आगे राजा दशरथ की एक नहीं चली। उस दौरान राजा दशरथ ने यह सोचा कि अगर मैं अपने वचन से मुकर जाऊंगा तो यह मेरे और समाज के लिए अपमान होगा उन्होंने यह भी उदघृत किया कि ""रघुकुल रीति सदा चल आई, प्राण जाये पर वचन न जाये"" उन्होंने वचन को सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राण का त्याग कर दिया। विद्वान वक्ता ने स्व.अशोक कुमार सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानस के वह प्रेमी थे। सामान्य बातचीत के दौरान वे मानस की चौपाईयों का उद्धहरण किया करते थे।
विद्वान वक्ताओं ने कहा कि जो पुत्र अपने पिता के श्राद्ध को विधि विधान से करते हैं उनपर पित्रों की कृपा हमेशा बनी रहती है। विद्वान वक्ताओं ने भागवत कथा के अन्य प्रसंगों को इतने मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया कि भक्त देर रात टस से मस नहीं हुए। स्व. अशोक सिंह के पुत्रों ने पिता की जो दिनचर्या थी उसी के मुताबिक उनकी पहली पुण्यतिथि से ही मानस प्रवचन का आयोजन करते चले आ रहे हैं। श्रद्धांजलि अर्पित होने के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह, अधिवक्ता दुष्यंत सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ.महेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा नेता दिनेश सिंह बब्बू, व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष इंद्रप्रकाश सिंह इंदू, लोकसेवा आयोग के सदस्य आर्यन त्रिपाठी, बंशलोचन सिंह, प्रबंधक सत्य प्रकाश सिंह, श्रीप्रकाश सिंह, टीडी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य विनोद सिंह, राधेश्याम सिंह, इं देवेंद्र प्रताप सिंह, शिवेंद्र प्रताप सिंह, धर्मेंद्र ्रप्रताप सिंह, एकाउंटेट अजय सिंह, पंकज सिंह, सहित काफी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे। टीडी कॉलेज के प्रबंधक व स्व. ठा.अशोक सिंह के ज्येष्ठ पुत्र राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आये हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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