लखनऊ: मुख्य सचिव ने इन परियोजनाओं की समीक्षा, अधिकारियों को दिए ये निर्देश | #NayaSaveraNetwork
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अन्तर्गत संचालित गंगा, बुंदेलखंड, चित्रकूट लिंक, झांसी लिंक, गोरखपुर लिंक और पूर्वांचल एक्सप्रेसवेज की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण कार्य को आगामी दिसंबर, 2024 तक और झांसी लिंक, चित्रकूट लिंक और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप एक्शन प्लान तैयार कर लिया जाए और निर्माण स्थल पर मैनपावर और मशीनरी की संख्या में इजाफा किया जाए। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से बिल्कुल भी समझौता न किया जाए। इस परियोजना के अन्तर्गत आने वाले जनपदों के प्रत्येक गांव में दो अमृत सरोवर बनवाया जाएं, जिससे निकलने वाली मिट्टी इस्तेमाल एक्सप्रेस-वे में किया जाए। परियोजना का रिव्यू मैनेजमेंट पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाए। एक माह उपरान्त पुनः समीक्षा की जाएगी।
- गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का काम तेज गति से चल रहा
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि परियोजना का कार्य तीव्र गति से चल रहा है, निर्धारित कुल लक्ष्य 4.69 प्रतिशत के सापेक्ष 6.51 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
इसके अलावा 49 कलवर्ट के लक्ष्य के सापेक्ष 123 और 10 अंडरपास के सापेक्ष 23 और दो लघु सेतु का निर्माण पूर्ण हो चुका हैं। बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे की समीक्षा के दौरान बताया गया कि परियोजना का कार्य पूर्ण हो चुका है और 16 जुलाई, 2022 से यातायात संचालित है।
चार स्थलों पर जनसुविधा केन्द्र के लिए विस्तृत रिपोर्ट और बिड डाक्यूमेन्ट सम्बन्धी प्रक्रिया इस माह के अंत तक पूर्ण कर ली जाएगी। वर्तमान में एक पेट्रोल पंप संचालित है, शेष तीन पेट्रोल पंप अप्रैल, 2023 के अंत तक प्रारम्भ होना संभावित हैं।
- एक्सप्रेस-वे पर सभी सुविधाएं उपलब्ध
पीने के पानी और शौचालय की सुविधा एक्सप्रेस-वे के सभी 13 टोल प्लाजा परिसरों में उपलब्ध हैं। अतिरिक्त सुविधा के रूप में चार जनसुविधा केन्द्र परिसरों में सभी शौचालय सुविधा के साथ-साथ जलपान व्यवस्था के लिए भवन निर्मित हो चुके हैं, उक्त सुविधा के संचालन के लिए चयनित बिडर के पक्ष में अनुबन्ध गठन प्रक्रियाधीन है। एटीएमस सम्बन्धित उपकरण स्थापित करने और संचालन और अनुरक्षण के लिए एजेंसी चयन करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
- इतने करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के संदर्भ में अवगत कराया गया कि बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे को चित्रकूट तक विस्तारित किए जाने के लिए लगभग 20 कि.मी. लम्बाई में नया एक्सप्रेस-वे निर्मित किया जाना प्रस्तावित है।
झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे के संबंध में बताया गया कि बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे से डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए प्रस्तावित नोड (गरौठा) होते हुए झांसी के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग-27 तक लगभग 90 किमी लम्बाई में नया एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
उपरोक्त दोनों मार्गों की प्री फीजिबिलटी अध्ययन के लिए मेसर्स चैतन्य प्रोजेक्ट्स के साथ 16 मार्च, 2023 को अनुबन्ध किया जा चुका है। दोनों लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए वर्ष 2023-24 में निर्माण मद में 85 करोड़ रुपए और भूमि क्रय के लिए 150 करोड़ रुपए का बजट का प्रावधान किया गया हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सम्पूर्ण परियोजना की भौतिक प्रगति 67.62 प्रतिशत है।
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लगेंगे इतने कैमरे
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की समीक्षा के दौरान बताया गया कि परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और वर्तमान में एक्सप्रेस-वे अनुरक्षण के अंतर्गत है।
एक्सप्रेस-वे पर दुर्घअनाओं की रोकथाम और यातायात की इलेक्ट्रानिकल निगरानी के लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंन्ट सिस्टम (एटीएमएस) की स्थापना की जा रही है। एटीएमएस के अन्तर्गत एक्सप्रेस-वे के प्रत्येक किमी में एक पीटीजेड कैमरा (कुल 337) कैमरे लगाए जाएंगे। 50 लोकेशन पर व्हीकल इन्सीडेन्स डिटेक्शन सिस्टम कैमरे, 64 व्हीकल स्पीड डिटेक्शन कैमरे, 6 वेरियेबल मैसेज साइन बोर्ड, 4 पोर्टेबुल मैसेज साइन बोर्ड, 40 एडवांस ड्राइवर एडवाइजरी सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
- दुर्घटना सहायता के लिए एक्सप्रेस-वे पर 23 एम्बुलेंस संचालित
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के प्रत्येक 75 किमी की दूरी पर बायीं तरफ 4 और दायीं तरफ 4, कुल 8 वे साइड एमिनिटीज (डब्ल्यूएसए) का विकास किया जाना प्रस्तावित है, प्रत्येक डब्ल्यूएसए के लिए 10 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। जन सुविधा केन्द्र विकसित करने के लिए मानचित्र, डीपीआर और बिड डाक्युमेन्ट तैयार करने की कार्यवाही प्रगति पर है, यह कार्यवाही जून, 2023 तक पूर्ण होगी।
वर्तमान में प्रत्येक 75 किमी की दूरी पर दाहिनी तरफ 4 और बायीं तरफ 4 कुल 8 टॉयलेट ब्लाक्स कान्ट्रेक्ट के माध्यम से संचालित है, इनमें से प्रत्येक टॉयलेट ब्लाक में एक कैन्टीन भी संचालित है। वे-साइड एमिनिटी के लिए आरक्षित भूमि पर वर्तमान में कुल 8 पेट्रोल पंप संचालित हैं और कुल 4 स्थानों पर सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। आकस्मिक दुर्घटना सहायता के लिए एक्सप्रेस-वे पर 23 एम्बुलेंस संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा 8 कैटल कैचर वाहन उपलब्ध हैं।
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